कांग्रेस ने पीएम फसल बीमा योजना का मुद्दा उठाया, निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरी तरह फेल करार देते हुए इसके जरिए निजी बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरी तरह विफल है और इसका इस्तेमाल निजी बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरी तरह से फेल साबित हुई है। इससे सिर्फ निजी बीमा कंपनियों को फायदा मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की भाजपा सरकार इसे एक राजनीतिक टूल के रूप में भी इस्तेमाल कर रही है। इसके माध्यम से अपने राजनीतिक समर्थकों को मुख्य रूप से भुगतान कर रही है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर खूब हमला बोल रही है। इस योजना में बदलाव को पार्टी ने अपनी किसान न्याय गारंटी में भी शामिल किया है। कांग्रेस ने किसान न्याय गारंटी के तहत किसानों के हित में एक नई फसल बीमा योजना शुरू करने का वादा किया है, जिसमें फसल नुकसान के 30 दिनों के भीतर सीधे किसानों के बैंक खातों में भुगतान की गारंटी होगी।
हाल ही में महाराष्ट्र से एक मीडिया रिपोर्ट आई थी जिसमें दावा किया गया कि राज्य में फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है और योजना का इस्तेमाल राजनीतिक टूल के तौर पर किया जा रहा है। इससे योजना में फर्जीवाड़े की आशंका बढ़ गई है। राजस्थान और हरियाणा में भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर किसानों के विरोध-प्रदर्शन होते रहे हैं। किसानों को सबसे ज्यादा समस्या फसल बर्बादी के बाद समय पर मुआवजा मिलने को लेकर सामने आई हैं।
फसलों पर मौसम की मार के बाद नुकसान से बचाने से लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरुआत की गई थी। लेकिन अक्सर फसल बर्बादी के बाद किसानों को बीमा राशि प्राप्त करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। राजस्थान और हरियाणा में गत वर्षों के फसल नुकसान का मुआवजा हासिल करने के लिए किसानों को लंबे आंदोलन करने पड़े। फसल नुकसान के आकलन और मुआवजा राशि के निर्धारण को लेकर भी पीएम फसल बीमा योजना के प्रावधानों पर सवाल उठते रहे हैं।