किसानों के आएंगे अच्छे दिन, कांग्रेस ने कर्नाटक का घोषणा-पत्र जारी कर किया वादा
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में किसानों के लिए अच्छे दिनों का वादा करते हुए कहा है कि कृषि मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया जाएगा। साथ ही राज्य की लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा कृषि के आधुनिकीकरण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये और गांवों में बुनियादी ढांचों के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा घोषणा-पत्र में किया गया है। कांग्रेस ने कहा है कि क्षीर क्रांति योजना के तहत राज्य में रोजाना 1.5 करोड़ लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा जाएगा। साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन 5 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर करने का भी वादा किया गया है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने भी किसानों को लुभाने का बड़ा दांव खेला है। मंगलवार को अपना घोषणा-पत्र जारी करते हुए कांग्रेस ने वादा किया है कि राज्य में अगर उसकी सरकार बनती है तो किसानों के अच्छे दिन आएंगे।
राज्य में 10 मई को मतदान होना है और उससे पहले कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस ने पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में किसानों के लिए अच्छे दिनों का वादा करते हुए कहा है कि कृषि मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया जाएगा। साथ ही राज्य की लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा कृषि के आधुनिकीकरण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये और गांवों में बुनियादी ढांचों के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा घोषणा-पत्र में किया गया है।
कांग्रेस ने कहा है कि क्षीर क्रांति योजना के तहत राज्य में रोजाना 1.5 करोड़ लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा जाएगा। साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन 5 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर करने का भी वादा किया गया है। मत्स्य क्रांति योजना के तहत मछली पालकों की आय में सुधार के लिए 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने के 2 साल के भीतर येतिनाहोल सिंचाई परियोजना को पूरा किया जाएगा।
पार्टी ने पर्यटन क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये निवेश करने और एमएसएमई क्षेत्र के लिए 1,009 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने का भी वादा किया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए कर्नाटक राज्य शैक्षिक वित्त निगम को 2,000 करोड़ रुपये की फंडिंग देने का भी वादा किया है। साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में शिक्षकों, डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के सभी खाली पदों पर सत्ता में आते ही भर्ती की जाएगी। पार्टी सौर ऊर्जा उत्पादन को 5,000 मेगावाट तक बढ़ाने का भी प्रयास करेगी।
अस्थायी कामगारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कांग्रेस ने ऑटो चालकों और टैक्सी चालकों के लिए अलग बोर्ड के अलावा गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना का वादा किया है। जबकि सभी जिलों में हॉकिंग जोन बनाने का भी वादा किया घोषणा-पत्र में है। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी के सत्ता में आने पर टेक्सटाइल क्षेत्र के कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी का प्रावधान किया जाएगा।
कांग्रेस की ओर से की गई अन्य घोषणाओं में गृह ज्योति (200 यूनिट बिजली फ्री), गृह लक्ष्मी (परिवार की महिला प्रमुखों को हर महीने दो हजार रुपये देने), अन्न भाग्य (बीपीएल परिवारों को 10 किलो अनाज), युवानिधि (बेरोजगारी समर्थन) और शक्ति (महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा) योजनाएं शुरू करने की बात कही गई है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डी. शिवकुमार की मौजूदगी में बेंगलुरु में घोषणा-पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि पार्टी की सरकार बनने पर केंद्र की नई शिक्षा नीति को खारिज कर राज्य शिक्षा नीति बनाई जाएगी।
कांग्रेस भारत और कर्नाटक के सच्चे मूल्यों और पाठ्य पुस्तकों में वैज्ञानिक सोच को फिर से स्थापित करेगी। भाजपा सरकार ने बसवन्ना और कुवेम्पु का अपमान कर पाठ्य पुस्तकों को विकृत किया है।
कांग्रेस ने कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर "नफरत फैलाने" वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्रवाई में ऐसे संगठनों के खिलाफ 'प्रतिबंध' भी शामिल होगा। साथ ही सत्ता में आने के एक साल के भीतर "भाजपा सरकार द्वारा पारित सभी अन्यायपूर्ण कानूनों और जनविरोधी कानूनों को निरस्त करने" का भी वादा घोषणा-पत्र में किया गया है।