दालों की बढ़ती कीमतों पर लगेगी लगाम, जमाखोरी रोकने को स्टॉक की नियमित जानकारी देने का आयातकों को निर्देश
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने प्रमुख दाल आयातकों से कहा है कि वे ऐसा कोई भी स्टॉक अपने पास न रखें जिससे घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता बाधित हो सकती है। इस बीच, निधि खरे की अध्यक्षता वाली समिति ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक बैठक की जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वे दालों के एफएसएसएआई लाइसेंसधारियों, एपीएमसी एवं जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों सहित स्टॉक घोषणा पोर्टल में पंजीकृत व्यापारियों एवं कंपनियों की संख्या बढ़ाने के लिए सभी स्रोतों का पता लगाएं।
घरेलू बाजार में दालों की कीमतें फिर से बढ़ने लगी है। सरकार को खबर मिली है कि आयातक, स्टॉकिस्ट एवं व्यापारी दालों की जमाखोरी कर रहे हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रमुख दाल आयातकों को यह निर्देश दिया है कि उनके पास उपलब्ध सभी स्टॉक की वे पारदर्शी तरीके से नियमित जानकारी दें।
दालों का आयात अच्छी मात्रा में और नियमित होने के बावजूद हाल के दिनों में दालों की घरेलू कीमतों में 5-10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। पिछले दिनों देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से दालों का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही, खासकर चना की। इसे देखते हुए आयातित दालों की जमाखोरी की आशंका बढ़ गई है। घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए सरकार तमाम कदम उठा रही है। इससे पहले अरहर (तुअर) आयात के स्टॉक की निगरानी के लिए सरकार ने इसी हफ्ते अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने प्रमुख दाल आयातकों से कहा है कि वे ऐसा कोई भी स्टॉक अपने पास न रखें जिससे घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता बाधित हो सकती है। इस बीच, निधि खरे की अध्यक्षता वाली समिति ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक बैठक की जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वे दालों के एफएसएसएआई लाइसेंसधारियों, एपीएमसी एवं जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों सहित स्टॉक घोषणा पोर्टल में पंजीकृत व्यापारियों एवं कंपनियों की संख्या बढ़ाने के लिए सभी स्रोतों का पता लगाएं।
संबंधित खबरः अरहर स्टॉक की निगरानी को बनी समिति, जमाखोरी रोकने को केंद्र ने उठाया कदम
आयातकों एवं व्यापारियों द्वारा घोषित स्टॉक की दोबारा जांच (क्रॉस वैलिडेट) करने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों वेयरहाउस सेवा प्रदाताओं से जानकारी प्राप्त करने का राज्यों को निर्देश दिया गया है। इसके अलावा कस्टम बांडेड गोदामों में आयातित दालों के स्टॉक की निगरानी की आवश्यकता और बंदरगाहों से उनकी समय पर रिलीज सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।
सरकार ने दाल मिल मालिकों, स्टॉकिस्टों, व्यापारियों, आयातकों आदि द्वारा दालों के स्टॉक की निगरानी के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कीमतें सामान्य हों और मांग के मुताबिक घरेलू बाजार उपलब्धता बनी हो। दालों की उपलब्धता और कीमतें नियंत्रित रखने के लिए वैल्यू चेन के सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने की भी योजना उपभोक्ता मामलों का विभाग बना रहा है।
सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दलहन संगठनों और आयातकों ने पारदर्शी तरीके से स्टॉक का खुलासा करने में पूरे दिल से सहयोग का आश्वासन सरकार को दिया है।