गेहूं की स्टॉक लिमिट में फिर कटौती, अब 500 टन की सीमा तय
गेहूं की कीमतों और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट में कटौती कर दी है। खाद्य मंत्रालय ने व्यापारियों/थोक विक्रेताओं और बड़ी रिटेल चेन के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट 1000 टन से घटाकर 500 टन निर्धारित की है। खुदरा विक्रेताओं के लिए तय 5 टन स्टॉक लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है
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गेहूं की कीमतों और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट में एक बार फिर कटौती कर दी है। खाद्य मंत्रालय ने व्यापारियों/थोक विक्रेताओं और बड़ी रिटेल चेन के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट 1000 टन से घटाकर 500 टन निर्धारित की है। खुदरा विक्रेताओं के लिए तय 5 टन स्टॉक लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है जबकि प्रोसेसर्स के लिए स्टॉक लिमिट मासिक क्षमता के 70 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी कर दी गई है। जिन व्यापारियों के पास तय सीमा से अधिक गेहूं का स्टॉक है उन्हें 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक लिमिट के भीतर लाना होगा। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी स्टॉक लिमिट पर नजर रखेंगे ताकि देश में गेहूं की बनावटी किल्लत ना पैदा की जा सके।
केंद्र सरकार ने इससे पहले 8 दिसंबर, 2023 को गेहूं की स्टॉक लिमिट घटाई थी। तब थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट 2000 टन से घटाकर 1000 टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए 10 टन से घटाकर 5 टन की गई थी। एक तरफ सरकार गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का दावा करती रही है, वहीं दूसरी तरफ गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए स्टॉक लिमिट कम करती जा रही है।
खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अब व्यापारियों को अपने गेहूं स्टॉक की जानकारी हर सप्ताह शुक्रवार को सरकारी पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर अपडेट करनी होगी। पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करने और स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत एफसीआई द्वारा 2150 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती कीमत पर 101.5 लाख टन गेहूं घरेलू बाजार में उतारने के लिए आवंटित किया गया है। आवश्यकता के आधार पर जनवरी-मार्च 2024 के दौरान ओएमएसएस के तहत अतिरिक्त 25 लाख टन गेहूं बाजार में उतारा जा सकता है। अब तक एफसीआई द्वारा साप्ताहिक नीलामी के जरिए प्रोसेसरों को 80.04 लाख टन गेहूं बेचा गया है। इससे खुले बाजार में सस्ती कीमतों पर गेहूं की उपलब्धता बढ़ गई है।
नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसे सहकारी संगठनों को एफसीआई 'भारत आटा' के लिए रियायती कीमत पर गेहूं जारी कर रहा है। भारत आटा के लिए 7.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है। खाद्य मंत्रालय गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्टॉक की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।