खरीफ की एमएसपी तय करने को हुई सीएसीपी की बैठक, बीकेयू (अ) ने दिए अहम सुझाव
बैठक में सीएसीपी के अध्यक्ष डॉ. विजय पॉल शर्मा ने किसान नेताओं एवं अन्य हितधारकों के साथ एमएसपी की सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले विस्तृत विचार-विमर्श किया। विपणन वर्ष 2023-24 के लिए खरीफ फसलों धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली आदि के एमएसपी पर जल्द ही अंतिम फैसला किया जाएगा
खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सीएसीपी के अध्यक्ष डॉ. विजय पॉल शर्मा ने किसान नेताओं एवं अन्य हितधारकों के साथ एमएसपी की सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले विस्तृत विचार-विमर्श किया। विपणन वर्ष 2023-24 के लिए खरीफ फसलों धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली आदि के एमएसपी पर जल्द ही अंतिम फैसला किया जाएगा।
बैठक में शामिल किसान नेता और भाकियू (अ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि देश में कृषि उपज के एमएसपी तय करने के दो तरीकों ए2+एफएल और सी2 के बीच बड़ा अंतर है। इस कारण किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता है। उन्होंने सरकार से इसे खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि फसलों का एमएसपी तय करते समय कटाई के बाद के कार्यों जैसे सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और परिवहन लागत को भी इसमें शामिल किया जाए। इसकी व्यवस्था अगले खरीफ फसल एमएसपी से ही होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को एमएसपी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निजी व्यापारियों को भी साथ जोड़ना चाहिए ताकि वे भी एमएसपी पर ही फसलों की खरीद करें।
इस बैठक के बाद धर्मेंद्र मलिक ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी कृषि भवन में मुलाकात की और उन्हें कृषि नीतियों से जुड़े कुछ सुझाव दिए। वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के लिए 23 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान करने, कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता देने के लिए एग्री एक्सीलरेटर फंड की घोषणा करने एवं नए एफपीओ के गठन के लिए 955 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान की घोषणा करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार और कृषि मंत्री को धन्यवाद दिया।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने धर्मेंद्र मलिक से कहा कि आपके महत्वपूर्ण सुझाव हमें मिलते रहते हैं। हम आपसे व्यापक विचार-विमर्श जारी रखेंगे ताकि किसानों की समस्याओं का हल संवाद एवं सुझाव से किया जा सके।