रबी सीजन में विनियंत्रित उर्वरकों के लिए न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को कैबिनेट की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चालू रबी सीजन (2022-23) में विनियंत्रित उर्वरकों के लिए न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) की नई दरों को मंजूरी दे दी है। इसके तहत नाइट्रोजन (एन) के लिए 98.02 रुपये प्रति किलो, फॉस्फोरस (पी) के लिए 66.93 रुपये प्रति किलो, पोटाश (के) के लिए 23.65 रुपये प्रति किलो और सल्फर (एस) के लिए 6.12 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दर को स्वीकृति दी गई है। इनका उपयोग फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों के विभिन्न वेरियंट का उत्पादन करने के लिए होता है
साल |
रुपये प्रति किलोग्राम |
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N |
P |
K |
S |
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रबी सीजन 2022-23 ( 01अक्तूबर 2022 से 31मार्च 2023) |
98.02 |
66.93 |
23.65 |
6.12 |
सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार में विनियंत्रित उर्वरकों और उनके कच्चे साल की कीमतों के आधार पर सब्सिडी दरें तय की गई हैं। यह दरें गैर यूरिया उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी के लिए होती हैं। इनकी कीमतों का निर्धारण उर्वरक कंपनियों द्वारा किया जाता है। यूरिया के मामले में कीमत सरकार तय करती है और लागत व किसानों के लिए बिक्री मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई सब्सिडी के जरिये करती है। कैबिनेट द्वारा तय की गई एनबीएस की दरों में खरीफ सीजन के मुकाबले नाइट्रोजन के लिए सब्सिडी को बढ़ाया गया है जबकि फॉस्फोरस, पोटाश और सल्फर के लिए सब्सिडी दरों में कमी की गई है।
खरीफ के लिए तय की गई एनबीएस की दरों के तहत नाइट्रोजन (एन) पर 91.96 रुपये प्रति किलो, फॉस्फोरस (पी) पर 72.74 रुपये प्रति किलो, पोटाश (के) पर 25.31 रुपये प्रति किलो और सल्फर (एस) पर 6.94 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दी गई थी। यह दरें खरीफ सीजन 2022 में 1 अप्रैल, 2022 से 30 सितंबर, 2022 तक के लिए लागू रहीं।
एनबीएस योजना के तहत सरकार पीएंडके उर्वरकों के 25 ग्रेड पर सब्सिडी देती है। इनमें घरेलू उत्पादित और आयातित दोनों उर्वरक शामिल हैं। पिछले दो साल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उर्वरकों के कच्चे माल की कीमतों में भारी इजाफे के चलते सरकार को सब्सिडी में काफी बढ़ोतरी करनी पड़ी है। लेकिन पिछले दिनों डीएपी और फॉस्फोरिक एसिड की कीमतों में कमी आई है। इसके चलते ही रबी सीजन के लिए इनके कच्चे माल पर सब्सिडी को कुछ कम किया गया है।