राजनीतिक नुकसान से बचने के लिए भाजपा ने कंगना के किसानों पर दिये बयान से खुद को किया अलग
मंडी से भाजपा की लोकलभा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किसानों और किसान आंदोलन पर दिया गया विवादास्पद बयान भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। खासतौर से किसान आंदोलन के गढ़ रहे हरियाणा में आगमी 1 अक्तूबर, 2024 को विधान सभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक नुकसान की आशंका के चलते भाजपा ने रनौत के बयान और टिप्पणियों से पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कंगना का बयान उनका खुद का बयान है और पार्टी उनके बयान से सहमति नहीं रखती है। साथ ही कंगना को इस तरह से नीतिगत मुद्दों पर बयान नहीं देने के लिए भी कहा है
मंडी से भाजपा की लोकसभा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किसानों और किसान आंदोलन पर दिया गया विवादास्पद बयान भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। खासतौर से किसान आंदोलन के गढ़ रहे हरियाणा में आगमी 1 अक्तूबर, 2024 को विधान सभा चुनाव होने हैं, इन चुनावों के पहले किसानों और केंद्र द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चले 13 माह के आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने जिस तरह से विवादास्पद टिप्पणियां की हैं उससे भाजपा असहज महसूस कर रही है। इसके चलते ही सोमवार को भाजपा ने रनौत के बयान और टिप्पणियों से पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कंगना का बयान उनका खुद का बयान है और पार्टी उनके बयान से सहमति नहीं रखती है। साथ ही कंगना को इस तरह से नीतिगत मुद्दों पर बयान नहीं देने के लिए भी कहा गया है।
असल में कंगना का बयान आने के बाद तमाम किसान संगठन लगातार अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। साथ ही कुछ संगठनों ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। वहीं राजनीतक दल भी इस मौके को चूकना नहीं चाह रहे हैं। हरियाणा में भाजपा के सामने सबसे मजबूत प्रतिद्वंदी कांग्रेस कंगना के इन बयानों के जरिये भाजपा पर हमला कर रही है और उसे किसान विरोधी पार्टी बता रही है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू में किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए था कि आंदोलन के दौरान हिंसा हुई, हत्याएं हुईं और रेप हुए। उनके इस बयान पर किसान संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
पंजाब में कांग्रेस की सरकार के पूर्व मंत्री राजकुमार वेरका ने कंगना पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की मांग की है और कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कंगना के बयान पर कहा कि अगर कंगना के आरोपों में सच्चाई होती, तो जांच एजेंसियां पहले ही कार्रवाई कर चुकी होतीं। उन्होंने कहा कि वह एक सांसद हैं और उन्हें ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने क्षेत्र के किसानों के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि बेतुके बयान देकर अपनी छवि को खराब करना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक दर्शन पाल ने भी कंगना के बयान की निंदा की और कहा कि उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। अपने इस बयान से कंगना ने पहले से परेशान किसानों के जख्मों पर नमक न डालने का काम किया है।
हरियाणा के कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने हैंडल से लिखा, "भाजपा को देश के अन्नदाता से इतनी नफरत क्यों है? भाजपा ने तो हमेशा हमारे अन्नदाताओं पर झूठ,फरेब, साजिश और अत्याचार किया है। और एक बार फिर हमारे अन्नदाताओं पर बीजेपी की सांसद ने अनर्गल आरोप लगाया है। सवाल ये है कि..क्या कंगना ने बीजेपी की चुनावी रणनीति के हिसाब से किसान पर ये घटिया आरोप लगाया है ? क्या कंगना के सिर्फ शब्द थे या फिर कॉपी किसी और ने लिखी है ? अगर नहीं तो फिर देश के प्रधानमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री और तमाम बीजेपी सांसद-विधायक इस मसले पर खामोश क्यों हैं ?