सरकार की घोषणा के बावजूद नहीं मिल रहा भारत आटा, दाम बढ़ाने की तैयारी
भारत आटा का रेट 27.50 रुपये बढ़ाकर 30 रुपये प्रति किलोग्राम और भारत चावल का रेट 29 रुपये से बढ़ाकर 34 रुपये प्रति किलोग्राम करने की तैयारी है।
केंद्र सरकार ने भले ही भारत आटा और भारत चावल की बिक्री जारी रखने की घोषणा कर दी है, लेकिन आम उपभोक्ताओं को फिलहाल सस्ता आटा और चावल नहीं मिल पा रहा है। इस बीच, भारत आटा और भारत चावल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। भारत आटा का रेट 27.50 रुपये बढ़ाकर 30 रुपये प्रति किलोग्राम और भारत चावल का रेट 29 रुपये किलो से बढ़ाकर 34 रुपये प्रति किलोग्राम करने की तैयारी है।
आम जनता को महंगाई की मार से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में भारत आटा और इस साल फरवरी में भारत चावल की बिक्री शुरू करवाई थी। सहकारी संस्था नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के रिटेल आउटलेट और मोबाइल वैन के जरिए भारत आटा और भारत चावल बेचा गया। इसके अलावा सरकार समर्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी के जरिए भी भारत आटा और भारत चावल की बिक्री हुई थी। लेकिन अब अधिकतर रिटेल या ऑनलाइन आउटलेट्स पर भारत आटा उपलब्ध नहीं है।
केंद्रीय भंडार के नई दिल्ली स्थित स्टोर से पता चला कि काफी दिनों से भारत आटा और भारत चावल का नया स्टॉक नहीं आया है। इसलिए इसकी बिक्री नहीं की जा रही है। जैसे ही नया स्टॉक आएगा, दोबारा भारत आटा और भारत चावल की बिक्री शुरू की जाएगी। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी भारत आटा और भारत चावल उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। जियो मार्ट से लेकर नेफेड बाजार ऑनलाइन पोर्टल पर भारत आटा “आउट ऑफ स्टॉक” दिखा रहा है।
केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले खाद्यान्न महंगाई पर काबू पाने के लिए 31 मार्च तक रियायती दरों पर आटा और चावल बेचने की योजना शुरू की थी, जिसे बाद में 30 जून तक बढ़ाया गया। भारत आटा की बिक्री से जुड़े रिटलर्स का कहना है कि 30 जून के बाद से नया स्टॉक नहीं आया है। जिन स्टोर पर पुराना स्टॉक बचा होगा, वहीं भारत आटा या भारत चावल मिल सकता है।
एक अगस्त को केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भारत आटा और भारत चावल की बिक्री जारी रखने का ऐलान किया है। खाद्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब भारत आटा 30 रुपये और भारत चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर बेचा जाएगा। इस प्रकार भारत आटा करीब 9 फीसदी और भारत चावल 17 फीसदी महंगा हो सकता है। यानी महंगाई पर काबू पाने की सरकारी योजना पर भी महंगाई के असर से अछूती नहीं रही है।
भारत आटा 27.5 रुपये किलो के रेट पर बिकने से फूड कंपनियों पर भी दाम कम रखने का दबाव था, लेकिन अगर भारत आटा 30 रुपये किलो मिलेगा तो ब्रांडेड आटे के दाम पर भी इसका असर दिखेगा और यह 34-35 रुपये किलो से कम रेट पर मिलना मुश्किल है। आम जनता पर पहले ही महंगाई की मार पड़ रही है। जून में थोक महंगाई दर 16 महीनों के उच्चतम स्तर 3.36 फीसदी तक पहुंच गई थी, जबकि खुदरा महंगाई दर चार महीनों की सर्वाधिक 5.08 फीसदी रही। इस दौरान उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक 9.36 फीसदी बढ़ा। सरकार के लिए खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई रोकना बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसके लिए ही भारत ब्रांड से विभिन्न वस्तुओं की बिक्री शुरू की गई थी।
गेहूं और आटे की कीमतों में 60 फीसदी अंतर
गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल है। भारत आटा के लिए सरकार ने गेहूं का रिजर्व प्राइस 2150 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। इस पर केंद्र सरकार की तरफ से 435 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी प्राइस स्टेबलाइजेश फंड (पीएसएफ) से दी गई। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं 17.15 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और चावल 18.59 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से इस योजना के लिए नेफेड व एनसीसीएफ को उपलब्ध कराया गया। रियायती दर पर मिले इस गेहूं का भारत आटा उपभोक्ताओं को 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 29 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा गया।
इस तरह करीब 60 फीसदी मार्जिन के बाद भारत आटा और 55 फीसदी मार्जिन के बाद भारत चावल की खुदरा बिक्री हुई। एफसीआई से मिले गेहूं व चावल और उपभोक्ताओं को बेचे गये भारत आटा और भारत चावल के बीच ही कीमतों में लगभग 55-60 फीसदी का अंतर आ गया। ऐसे में अगर अब भारत आटा और भारत चावल के दाम बढ़ते हैं तो इस योजना को लेकर सवाल जरूर खड़े होंगे।
States can buy rice from Food Corporation of India without participating in e-auction for Rs 2,800 per quintal under Open Market Sale Scheme (Domestic): Shri Pralhad Joshi
— PIB India (@PIB_India) August 1, 2024
Quality and nutritious food top priority of Modi government, sale of rice, atta under Bharat brand to… pic.twitter.com/roHHOT0iB8