बायर ने एसएफएसी के साथ 50 विशेष एफपीओ बनाने के लिए एमओय़ू किया
स्मॉल फार्मर्स एग्री-बिजनेस कंसोर्टियम ( एसएफएसी ) और बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड ने 50 विशेष किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बनाने और उसको बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओय़ू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एसएफएसी के सहयोग से बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड ने 10 राज्यों में ऐसे कलस्टर की पहचान की। इसका उद्देश्य एफपीओ की स्थापना करके उसकी व्यवसाय योजना बनाना, इसे चलाने वाले सक्षम लोगों की पहचान करना और एफपीओ का बाजार लिंकेज स्थापित करना है। साथ ही तकनीकी ज्ञान की जानकारी देकर में छोटे किसानों की सहायता करना है।
बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड के साथ एसएफएसी की साझेदारी से दोनों सामुहिक रूप से एफपीओ को मजबूत करने में मदद करेंगे और किसान समूहों को लाभकारी और आत्मनिर्भर व्यावसायिक संस्थाओं के रूप में विकसित करने में मदद करेंगे। बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड दुनिया की क्राप साइंस कंपनियों में एक अग्रणी कंपनी है जो स्थायी कृषि में समाधान प्रदान करती है। भारत में एफपीओ की क्षमता निर्माण हो जिससे कि एफपीओ वल्यू चैन भागीदार की भूमिका निभा सके।
एसएफएसी और बायर की भागीदारी का मकसद किसानों के लाकर उनका सामूहिक संगठन बनाकर उसे एक सफल व्यवसायिक संस्था के रूप में कामयाब करना है। एफपीओ किसानों के सामाजिक-आर्थिक निर्माण, उत्पादन और विपणन में उत्पादों की बड़ी मात्रा के इकोनॉमिक माडल का लाभ उठाने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। बायर मूल्य श्रृंखला संगठनों को परियोजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका विशाल अनुभव और पहुंच निश्चित रूप से अंतिम प्राथमिक हितधारक को लाभान्वित करेगी।
इस अवसर पर बायर्स क्रॉप साइंस डिवीजन के कंट्री डिवीजनल हेड (भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका) साइमन-थॉर्स्टन वीबुश ने कहा कि भारत छोटे किसानों का देश है। एफपीओ के एक जीवंत और मजबूत नेटवर्क के रूप में सामूहिक रूप से न केवल किसानों की आय में सुधार होगा बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा का सपोर्ट करेगा साथ ही खाद्य गुणवत्ता और निर्यात क्षमता में सुधार करने के लिए एक मजबूत खाद्य मूल्य श्रृंखला नेटवर्क का निर्माण भी होगा। उन्होंने कहा कि हमें 50 एफपीओ बनाने का अवसर देने के लिए बायर एसएफएसी के आभारी हैं। यह 2030 तक 10 करोड़ छोटी जोत वाले किसानों को सशक्त बनाने और भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान देने के साथ-साथ उनकी उत्पादकता और आजीविका बढ़ाने के लिए जरूरी संसाधन प्रदान करने की हमारी वैश्विक प्रतिबद्धता को जीवंत और मूर्त रूप देता है।
यह एमओय़ू कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 10,000 एफपीओ बनाने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में जुड़ा हुआ है।