बजरंग पूनिया ने किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला
कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बजरंग पूनिया ने कहा कि वह किसानों के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे और किसानों के साथ गलत नहीं होने देंगे। किसान आंदोलन और अग्निवीर आंदोलन में उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।
पहलवान बजरंग पूनिया ने मंगलवार को किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अपना पदभार ग्रहण किया। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में उनके पदभार ग्रहण करने के अवसर पर किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा, कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, विधायक विनेश फोगाट और किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष अखिलेश शुक्ला व अनंत दहिया मौजूद रहे। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कार्यक्रम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की गैर-मौजूदगी की हो रही है। क्योंकि पहलवानों के आंदोलन को समर्थन देने से लेकर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को कांग्रेस ज्वाइन कराने में हुड्डा परिवार की अहम भूमिका रही।
कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बजरंग पूनिया ने कहा कि वह किसानों के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे और किसानों के साथ गलत नहीं होने देंगे। किसान आंदोलन और अग्निवीर आंदोलन में उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर में बजरंग पूनिया को किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उसके बाद वह विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गये थे। हुड्डा परिवार की गैर-मौजूदगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हुड्डा हमारे सीनियर नेता हैं और हम उनके साथ मिलकर काम करते करेंगे।
बजरंग पूनिया को बधाई देते हुए कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने कहा कि अब बजरंग पुनिया कांग्रेस पार्टी में नई भूमिका अदा करेंगे और देश के किसान और खेत मजदूरों की आवाज को बुलंद करेंगे। सैलजा ने भाजपा सरकार पर किसानों और खेतिहर मजदूरों की अनदेखी और उनके हितों के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में अनाज मंडियों में अव्यवस्था है, किसान परेशान हैं और फसलें नहीं बिक रही हैं, वहीं किसान खाद के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आज देश में राजनीतिक तौर पर किसानों की लड़ाई लड़ने की जरूरत है। इसके लिए किसानों को कांग्रेस के झंडे के नीचे इकट्ठा करना होगा। अनेक यूनियनों में बंटे किसान एक साथ आकर राजनीतिक तौर पर लड़ाई लड़ेंगे, तब ही किसानों को देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में हिस्सा मिल पाएगा।
किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने बजरंग पूनिया को पदभार संभालने पर बधाई देते हुए कहा कि पूनिया हरियाणा के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में किसान और खेत मजदूर के मुद्दे उठाकर पार्टी के आधार को मजबूत करेंगे।