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Harvir Singh
RuralVoice.in एक ऐसा मीडिया प्लेटफार्म है जो रुरल अर्बन के बीच के विभाजन के बीच सूचना की खाई को करने के साथ ग्रामीण भारत की खबरों और उसके लिए जरूरी सूचना को प्राथमिकता देने का काम करता है। यह एक नालेज आधारित नया मीडिया स्टार्ट- अप है। इसे एग्रीकल्चर, रुरल, इकोनामी, पालिटिक्स और बिजनेस रिपोर्टिंग के तीस साल के अनुभवी जर्नलिस्ट हरवीर सिंह ने शुरू किया है। प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यमों में विभिन्न लीडरशिप स्तरों पर देश के बड़े मीडिया समूहों में काम करने का अनुभव उनके पास है। इसके पहले वह आउटलुक हिंदी के संपादक रहे हैं। वहीं उन्होंने मनी भास्कर के संपादक के रूप में और बिजनेस भास्कर के इकोनामिक एडिटर के रूप में दैनिक भास्कर समूह में काम किया। इसके अलावा वह दैनिक हिंदुस्तान और अमर उजाला समूह में सीनियर लीडरशिप पाजिशंस में रहे हैं। हरवीर सिंह के नेतृत्व में प्रोफेशनली ट्रेंड और कमिटेड जर्नलिस्ट्स की एक टीम इस संस्थान के लिए काम कर रही हैं। इस नेटवर्क को देश के अधिकांश हिस्सों तक ले जाने की योजना है। रिपोर्टिंग और लेखन का एक ही मूलमंत्र है कि यह किसी भी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पूर्वाग्रह से मुक्त होगा। RuralVoice.in के कंटेंट का केंद्र बिंदु ‘भारत’ यानी रुरल इंडिया रहेगा।
सरकार आठवां वेतन आयोग दे सकती है तो एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं?
किसानों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को सरकार पर वित्तीय बोझ का हवाला देकर...
मध्य प्रदेश को बासमती के भौगोलिक क्षेत्र में शामिल करने की कोशिशें फिर तेज
करीब छह माह पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश सरकार के...
चीनी उद्योग रिकवरी में गिरावट से चिंतित, यूपी के मुख्य सचिव को लिखा पत्र
यूपी के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में यूपी इस्मा ने कहा है कि पिछले साल की तुलना में...
एफपीओः भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान
भारत के कृषि परिदृश्य में छोटे और सीमांत किसान अधिक (86%) हैं। इनमें से अनेक किसान...
पंजाब सरकार ने एग्रीकल्चर मार्केटिंग पर केंद्र के मसौदे को खारिज किया
पंजाब सरकार ने एग्रीकल्चर मार्केटिंग पर नीति रूपरेखा के मसौदे में अनुबंध खेती को...
साल बदला, नेता बदले, लेकिन नहीं बदला गन्ना किसानों का हाल
चालू पेराई सीजन आधा गुजर चुका है लेकिन उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को उनकी उपज...
विशेष सब्सिडी के बाद भी डीएपी आयात घाटे का सौदा, ऊंचे दाम और कमजोर रुपये ने बिगाड़ा गणित
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी...
इंडोनेशिया को 10 लाख टन चावल निर्यात को कैबिनेट की मंजूरी, खुले बाजार से होगी खरीद
इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए भारत सरकार के सहकारिता...
एथेनॉल खरीद में सहकारी चीनी मिलों को दी जाएगी प्राथमिकता, निजी चीनी मिलों को झटका
सार्वजनिक तेल कंपनियों की ओर से जारी टेंडर की शर्तों के अनुसार, एथेनॉल खरीद में...
किसानों के लिए संस्थाओं के नव निर्माण की जरूरत
किसानों के लिए संस्था निर्माण के महत्व को समझते हुए हमने रूरल वर्ल्ड का हालिया अंक...
बिना फार्मर रजिस्ट्री नहीं मिलेगी सम्मान निधि, जानिए कैसे बनवाएं फार्मर आईडी
कृषि से जुड़ी महत्वपूर्ण डिजिटल पहल के रूप में किसान रजिस्ट्री की शुरुआत की गई है।...
ट्रंप के आने से विश्व कृषि बाजार में उथल-पुथल की आशंका, 2025 में नई व्यापार व्यवस्था संभव
दुनिया की इकोनॉमी में करीब एक-चौथाई हिस्सेदारी रखने वाले अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी...
जनवरी से डीएपी के दाम 200 रुपये तक बढ़ना तय, जानिए क्या हैं कारण
वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमत 630 डॉलर प्रति टन के आधार पर रुपये के कमजोर होने...
उदार अर्थव्यवस्था के शिल्पकार डॉ. मनमोहन सिंह ने किसानों के लिए भी किये कई बड़े काम
प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहराव की कांग्रेस की अल्पमत सरकार के वित्त मंत्री रहते हुए...
दलहन, तिलहन की बजाय गेहूं की तरफ बढ़ा किसानों का रुझान, रकबा बढ़ा
दलहन व तिलहन फसलों के सही दाम न मिलने और गेहूं की ऊंची कीमतों के कारण किसानों का...
भारत में ग्रीन कवर 25.17% हुआ, लेकिन बड़ा हिस्सा खुले वन, बांस और एग्रो-फॉरेस्ट्री
भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार, देश में वन और वृक्ष आवरण 1445 वर्ग किमी बढ़कर...