ड्रोन के जरिए नैनो यूरिया के छिड़काव से मिलेगा फसलों से ज्यादा लाभ : मंडाविया
नैनो यूरिया विकसित करने वाली कंपनी इफको ने गुजरात के भावनगर में नैनो तरल यूरिया का ड्रोन से फसलों पर छिड़काव कर प्रयोगिक ट्रायल किया। इफको ने अपने अध्ययन में पाया है कि ड्रोन के जरिए नैनो यूरिया का छिड़काव फसलों पर अधिक प्रभावी है और उत्पादकता पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
भावनगर, गुजरात 1अक्टूबर ,2021
विश्व में पहली बार नैनो यूरिया विकसित करने वाली सहकारी संस्था इफको ने गुजरात के भावनगर में नैनो तरल यूरिया का ड्रोन से फसलों पर छिड़काव कर प्रयोगिक ट्रायल किया है। इफको ने अपने अध्ययन में पाया है कि ड्रोन के जरिए नैनो यूरिया का छिड़काव फसलों पर अधिक प्रभावी है और उत्पादकता पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । इस ट्रायल के दौरान केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया भी उपस्थिति रहे। साथ ही इस ट्रायल के मौके पर बड़ी संख्या में किसान भी मौजूद थे।
नैनो यूरिया के ड्रोन छिड़काव के फील्ड ट्रायल के बारे में बात करते हुए केन्द्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि उर्वरक और कीटनाशकों के स्प्रेयर द्वारा पारंपरिक छिड़काव को लेकर लोगों में स्वास्थय से संबधित संभावित नुकसान के बारे में भी चिंता व्यक्त की जाती है और कई सवाल और शंकाएं बनी हुई हैं। ड्रोन छिड़काव से इन सवालों और समस्याओं का समाधान होगा। ड्रोन से कम समय में ज्यादा जमीन पर स्प्रे कर सकेंगे। इससे किसानों का समय बचेगा और छिड़काव पर लगने वाली लागत कम होगी जिससे किसानों को आर्थिक बचत होगी । इसके साथ ही छिड़काव के दौरान सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी। केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने इस गतिविधि को एक बड़ी उपलब्धि बताया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है । आज नैनो यूरिया का न केवल बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ है, बल्कि हमें खुशी है कि किसान इसे शुरू से ही बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं। इफको ने जून में इसका उत्पादन शुरू किया और अब तक हम नैनो यूरिया की 50 लाख से अधिक बोतलों का उत्पादन कर चुके हैं। प्रतिदिन एक लाख से अधिक नैनो यूरिया बोतलों का उत्पादन किया जा रहा है।
मंडाविया ने कहा कि बहुत कम समय में लिक्विड नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया के एक शक्तिशाली विकल्प के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि तरल नैनो यूरिया के उपयोग से किसानों को आर्थिक बचत होगी, उत्पादकता बढ़ेगी और यूरिया आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी। इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और सरकार इस बचत का इस्तेमाल अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं पर कर सकेगी।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मंडाविया सहित भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष और इफको के उपाध्यक्ष दिलीप संघानी और इफको के मार्केटिंग निदेशक योगेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।