सेंसर बताएगा मीट की क्वालिटी, हैदराबाद विश्वविद्यालय ने किया एमओयू
हैदराबाद विश्वविद्यालय ने इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन मीट (आईसीएआर-एनआरसीएम) और निजी क्षेत्र की कंपनी एलविकॉन इंडिया लिमिटेड के साथ हाल ही एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद मीट प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाना और मीट प्रोडक्ट तैयार करने में निकलने वाले कचरे का प्रबंधन करना है
अधिकतर उपभोक्ता आमतौर पर खाद्य पदार्थों के पैकेट पर दो चीजें देखते हैं- डेट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग यानी उसे कब बनाया गया और एक्सपायरी डेट यानि वह खाद्य पदार्थ कब तक सुरक्षित है। अथवा किस तारीख तक उसकी गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी (बेस्ट बिफोर डेट)। किसी भी खाद्य पदार्थ की क्वालिटी और वह ताजी है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए इन तारीखों को देखना जरूरी है। निर्माताओं के लिए भी पैकेट के ऊपर इन तारीखों को छापना नियमों के मुताबिक अनिवार्य होता है।
खाद्य पदार्थों के पैकेट खासकर मीट प्रोडक्ट के ऊपर बेस्ट बिफोर की तारीख को डिजिटलाइज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। हैदराबाद में इसके लिए एक सरकारी निजी साझेदारी हुई है। हैदराबाद विश्वविद्यालय ने इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन मीट (आईसीएआर-एनआरसीएम) और निजी क्षेत्र की कंपनी एलविकॉन इंडिया लिमिटेड के साथ हाल ही एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद मीट प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा सुरक्षित बनाना और मीट प्रोडक्ट तैयार करने में निकलने वाले कचरे का प्रबंधन करना है।
समझौते के अनुसार निजी कंपनी एलविकॉन एक सेंसर टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराएगी। इस टेक्नोलॉजी की मदद से स्मार्ट सेंसर नाम का डेमॉन्सट्रेटर बनाया जाएगा। यह स्मार्ट सेंसर उपभोक्ताओं को रियल टाइम सूचनाएं उपलब्ध कराएगा।
कंपनी इस उद्देश्य के लिए सेंसर इंक और आवश्यक हार्डवेयर कंपोनेंट देगी। हार्डवेयर को स्मार्ट सेंसर के साथ इंटीग्रेट करने के लिए जरूरी स्पेसिफिकेशन को हैदराबाद विश्वविद्यालय अंतिम रूप देगा। वह बेस्ट बिफोर डेट को डिजिटाइज करने के लिए कस्टमाइज्ड मोबाइल ऐप भी लाएगा।
आईसीएआर-एनआरसीएम विभिन्न स्टोरेज और पैकिंग परिस्थितियों के अनुसार मीट में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की पहचान के लिए सेंसर का कैलिब्रेशन करेगा। यह स्मार्ट सेंसर यूजर को शिपमेंट और स्टोरेज के दौरान तापमान अधिक होने या मिसहैंडलिंग की सूचना भी देगा। क्योंकि तापमान विषम होने पर खाने के लिहाज से मीट असुरक्षित हो सकता है
इस एमओयू पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ देवेश निगम, आईसीएआर एनआरसीएम के डायरेक्टर डॉ एस बी बरबुद्धे और एलविकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर डॉ राम बाबू ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय राव उपस्थित थे।
(एम. सोमशेखर, हैदराबाद के स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह डेवपलमेंट से संबंधित मुद्दों, साइंस, टेक्नोलॉजी, कृषि, बिजनेस और स्टार्ट-अप पर विशेषज्ञता रखते हैं )