कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लांच की आसियान-भारत फेलोशिप, 50 छात्रों को मिलेगा मौका
फेलोशिप की घोषणा करते हुए केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले पांच वर्षों में आसियान देशों के छात्रों को 50 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कृषि विज्ञान में आसियान-भारत फेलोशिप शुरू की है। फेलोशिप की घोषणा करते हुए केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले पांच वर्षों में आसियान देशों के छात्रों को 50 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी। प्रति वर्ष दस फेलोशिप प्रदान की जाएंगी। इसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में मास्टर डिग्री कार्यक्रम शामिल होंगे। पहले बैच की अंतिम तिथि 27 अगस्त है।
आसियान-भारत कोष द्वारा वित्त पोषित इस पहल में चयनित छात्रों के लिए प्रवेश शुल्क, रहने का खर्च और आकस्मिक खर्च शामिल होंगे। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र परिसर, पूसा में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर तथा भागीरथ चौधरी भी उपस्थित थे।
आसियान देशों का जिक्र करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सब एक है और एक-दूसरे के बिना हमारा काम नहीं चल सकता। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसके प्राण है। सरकार ने कृषि शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) इस काम में गंभीरतापूर्वक लगी हुई है। आईसीएआर-एयू प्रणाली की क्षमता और योग्यता को अब दुनियाभर में मान्यता मिल चुकी है। कई विकासशील देशों के छात्र भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों में विकसित अनुसंधान और शिक्षण सुविधाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान के सदस्य देशों के बीच कृषि सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि आसियान व भारत कृषि-जलवायु क्षेत्रों के मामले में बहुत समानताएं साझा करते हैं। अब कृषि व सम्बद्ध विज्ञान में उच्च शिक्षा के लिए आसियान-भारत फेलोशिप आरंभ की जा रही है। इससे आसियान सदस्य देशों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शोध-आधारित शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे भारत और आसियान समुदाय एक-दूसरे के करीब आएंगे। फेलोशिप से आसियान राष्ट्रीयता के छात्रों को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों में कृषि व सम्बद्ध विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने हेतु सहायता प्रदान की जाएगी।