अप्रैल-जून के दौरान कृषि निर्यात में 3.24 फीसदी गिरावट, मक्का निर्यात 76 फीसदी घटा
चालू वित्त की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान देश का कृषि निर्यात 3.24 फीसदी घटकर 588.68 करोड़ डॉलर रह गया।
चालू वित्त की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के दौरान देश का कृषि निर्यात 3.24 फीसदी घटकर 588.68 करोड़ डॉलर रह गया। इस गिरावट के पीछे गैर-बासमती चावल और प्याज जैसी कृषि उपजों के निर्यात पर लागू पाबंदियों, लाल सागर में हूती हमलों और माल ढुलाई की बढ़ती लागत को वजह माना जा रहा है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून के दौरान चावल का निर्यात मामूली रूप से घटकर 280.83 करोड़ डॉलर रह गया। बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात में 0.46 प्रतिशत की गिरावट आई है।
बढ़ा फल-सब्जियों का निर्यात
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में काजू का निर्यात 17.08 फीसदी घटकर 6.86 करोड़ डॉलर रह गया। हालांकि, इस दौरान फलों और सब्जियों में निर्यात में लगभग 6.47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह पहली तिमाही में 84.3 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। मीट, डेयरी और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स का निर्यात 0.14 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 101.13 करोड़ डॉलर रहा है। अप्रैल से जून के दौरान मक्का व अन्य अनाजों के निर्यात में 76 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 6 करोड़ डॉलर रहा है। भारत में मक्का का उत्पादन बढ़ने के बावजूद घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों से अधिक हैं जिससे मक्का के निर्यात में गिरावट आई है।
एफपीओ को जोड़ने पर एपीडा का जोर
कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ मिलकर कृषि निर्यात नेटवर्क को व्यापक बनाने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत अब तक 1,200 एफपीओ को निर्यातक के रूप में पंजीकृत किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 2,500 एफपीओ को शामिल करने का लक्ष्य है।
एपीडा ने ओएनडीसी प्लेटफॉर्म के निर्यात वर्टिकल पर निर्यातकों और एफपीओ को जोड़ने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक 13 निर्यातक इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इससे एपीडा ने 250 निर्यातकों/एफपीओ को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। एपीडा ने ऐसे 25 फोकस उत्पादों की भी पहचान की है, जिनके निर्यात को और बढ़ावा दिया जा सकता है। इनमें प्याज, बासमती चावल, मूंगफली, काजू, केला, आलू, घी, अनार और अनानास शामिल हैं।