धीमी हुई ट्रैक्टर उद्योग की रफ्तार, वित्त वर्ष 2023-24 में 7% घटी बिक्री

वित्त वर्ष 2023-24 में ट्रैक्टर की बिक्री वर्ष 2022-23 के मुकाबले कम रही है। पिछले वर्ष घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, ट्रैक्टर निर्यात पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत कम रहा। पिछले साल खराब मानसून के कारण घरेलू बाजार में ट्रैक्टर की सेल कम हुई थी। हालांकि, इस बार सामान्य मानसून की संभावना है जिससे ट्रैक्टर बिक्री में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।

धीमी हुई ट्रैक्टर उद्योग की रफ्तार, वित्त वर्ष 2023-24 में 7% घटी बिक्री
धीमी हुई ट्रैक्टर उद्योग की रफ्तार

वित्त वर्ष 2023-24 में ट्रैक्टर की बिक्री वर्ष 2022-23 के मुकाबले कम रही है। पिछले वर्ष घरेलू ट्रैक्टर की बिक्री में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, ट्रैक्टर निर्यात पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत कम रहा। पिछले साल खराब मानसून के कारण घरेलू बाजार में ट्रैक्टर की सेल कम हुई थी। हालांकि, इस बार सामान्य मानसून की संभावना है जिससे ट्रैक्टर बिक्री में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।

इन कारणों के चलते घटी टैक्टर सेल

ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में ट्रैक्टर की कुल घरेलू बिक्री 8,74,504 यूनिट्स रही। जबकि, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 9,40,985 ट्रैक्टर बेचे गए थे। ट्रैक्टर की बिक्री में आई इस कमी के लिए पिछले साल कमजोर मानसून के चलते खरीफ फसलों के उत्पादन में गिरावट को मुख्य वजह बताया गया है। ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन के मुताबिक पिछले साल अल नीनो के प्रभाव के कारण मानसून असमान रहा। खराब मानसून ने खरीफ फसल उत्पादन को प्रभावित किया, जिससे ट्रैक्टर की बिक्री घटी। विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों में ट्रैक्टर की सेल में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज गई।

किस कंपनी के कितने ट्रैक्टर बिके?

उत्पादक                                  वित्त वर्ष 2023-24   वित्त वर्ष 2022-23 अंतर           
महिंद्रा एंड महिंद्रा    3,64,526          3,89,531              -6.42%  
टैफे                                 157,503         1,69,843         -7.27%
सोनालीका                        1,15,369 116,000         -0.54%
एस्कॉर्ट्स कुबोटा    90,239         95,266           -5.28%
जॉन डियर   71,408   82,658     -13.61%
न्यू हॉलैंड    34,697 35,367 -1.89%
कुबोटा 18,538   25,710 -2.79%
इंडो फार्म   5307           6445             -17.66%

प्रीत 

5,488         6,390             -14.12%
वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स 3708           5422             -31.61%
कैप्टन 4548             4,254               6.91%
एसीई    2475           3,074 -19.49%
एसडीएफ     698 1,025 -31.90%  
कुल                        8,74,504 9,40,985         -7.07%

                                                                            
(सोर्स: टीएमए)

वित्त वर्ष 2024-25 में अच्छी ग्रोथ के आसार

उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू बिक्री धीमी गति से समाप्त होने के बावजूद आगे निर्यात अच्छा रहने की उम्मीद है। वहीं, आईएमडी ने भी इस साल अच्छे मानसून का पूर्वानुमान जताया है। इससे  ट्रैक्टर उद्योग को इस साल अच्छी सेल की उम्मीद है। टीएमए के मुताबिक, घरेलू ट्रैक्टर वॉल्यूम में सुधार होगा और उद्योग वित्त वर्ष 2025 में 3-5 फीसदी की वृद्धि दर्ज कर सकता है।

भारत में मिनी ट्रैक्टर की बिक्री बढ़ी

भारत में मिनी ट्रैक्टरों की बिक्री पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। यह ट्रैक्टर छोटे खेतों और घरेलू उपयोग के लिए अधिक सुविधाजनक होते हैं। इनकी बिक्री की वृद्धि का मुख्य कारण है कृषि उत्पादन में तकनीकी सुधार और कृषि में मशीनीकरण की बढ़ती मांग। इसके अलावा, पैदावार बढ़ाने के प्रयास, जमीन की बढ़ती कमी और किसानों की माली हालत में सुधार से भी इस बाजार को प्रोत्साहन मिल रहा है। इसके परिणामस्वरूप, मिनी ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि हो रही है।

किसानों के बीच सबसे लोकप्रिय 45-50 एचपी के ट्रैक्टर

भारत में कई रेंज के ट्रैक्टर हैं जो अपने विभिन्न फीचर्स और क्षमताओं के आधार पर बिकते हैं। हालांकि, 45 से 50 एचपी के ट्रैक्टर किसानों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। इस रेंज के ट्रैक्टरों की खास बात ये है कि इनसे खेती समेत कई व्यावसायिक कार्य आसानी से किए जा सकते हैं। किसान भी खेती के लिए 45 से 50 एचपी रेंज वाले ट्रैक्टरों का चयन करते हैं क्योंकि यह हेवी ड्यूटी ट्रैक्टरों के मुकाबले कम तेल खपत करते हैं और लगभग सभी कृषि उपकरणों को संचालित कर सकते हैं।

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