इस साल में चीनी उत्पादन में 39 लाख टन की गिरावट का अनुमान
उत्पादन में गिरावट की एक बड़ी वजह उत्तर प्रदेश में चीनी की रिकवरी कम रहना है। इसके साथ ही चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने के क्षेत्रफल, फसल की स्थिति, चीनी की रिकवरी व एथेनॉल के लिए चीनी की डायवर्जन जैसे तमाम फैक्टर्स के आधार पह यह अनुमान लगाये गये हैं।
इस साल भारत के चीनी उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 39 लाख टन की गिरावट का अनुमान है। चालू शुगर सीजन (2024-25) में देश का चीनी उत्पादन 280 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल 319 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। उत्पादन में गिरावट की एक बड़ी वजह उत्तर प्रदेश में चीनी की रिकवरी कम रहना है। इसके साथ ही चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने के क्षेत्रफल, फसल की स्थिति, चीनी की रिकवरी व एथेनॉल के लिए चीनी के डायवर्जन जैसे तमाम फैक्टर्स के आधार पह यह अनुमान लगाये गये हैं।
उद्योग सूत्रों के मुताबिक अभी तक सबसे अधिक चीनी मिलों में उत्तर प्रदेश में पेराई शुरू हुई है। वहां 15 नवंबर को 85 चीनी मिलों में पेराई शुरू हो चुकी है जबकि पिछले साल उक्त तिथि को 75 मिलों में पेराई शुरू हुई थी। राज्य में 15 नवंबर तक 3.50 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जो पिछले साल इस समय तक 3.40 लाख टन रहा था। यहां पिछले साल चीनी की रिकवरी का स्तर 8.6 फीसदी था जो इस साल घटकर 7.85 फीसदी पर आ गया है। मौजूदा ट्रेंड के आधार पर उत्तर प्रदेश में 98 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है जो पिछले साल 103.65 लाख टन रहा था।
दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में अभी चीनी मिलों ने पेराई शुरू नहीं की है लेकिन उत्पादन अनुमान में रखे गये मानकों के आधार पर वहां इस साल 87 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। महाराष्ट्र में पिछले साल 110.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। तीसरे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 45 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है जो पिछले साल 53 लाख टन रहा था।
उद्योग द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, 15 नवंबर तक देश भर में 144 चीनी मिलों में पेराई चल रही है और उनके द्वारा 7.10 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। पिछले साल इस समय तक 264 चीनी मिलों में पेराई शुरू हो चुकी थी और चीनी उत्पादन 12.70 लाख टन तक पहुंच गया था।
सूत्रों के मुताबिक चीनी उत्पादन के यह आंकड़े और अनुमान उद्योग की जानकारी, सरकारी जानकारी और जमीनी स्तर पर जुटाये गये आंकड़ों के आधार पर तैयार किये गये हैं।