मदर डेयरी का टर्नओवर 15 हजार करोड़, अब 15 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्यः मदर डेयरी एमडी
मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश ने रूरल वॉयस के साथ खास बातचीत में कंपनी के विस्तार और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
देश के डेयरी सेक्टर से दूसरे सबसे बड़े ब्रांड मदर डेयरी की स्वामित्व वाली कंपनी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड लगातार अपने मार्केट का विस्तार कर रही है। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में मदर डेयरी ने 15 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल किया और चालू वित्त वर्ष (2024-25) में वह इसमें 15 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है। दूध, आइसक्रीम, बटर, दही और दूध के वैल्यू एडेड उत्पादों के पोर्टफोलियो में बढ़ोतरी के साथ कंपनी विदर्भ और मराठवाड़ा, तेलंगाना और राजस्थान में अपने कारोबार का विस्तार कर रही है। इसके साथ ही नागपुर में मदर डेयरी छह लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता का अपना नया संयंत्र स्थापित करने जा रही है।
चालू वित्त वर्ष में मदर डेयरी के औसतन 60 लाख लीटर दूध प्रतिदिन खरीदने की संभावना है। दूध व दुग्ध उत्पादों के अलावा फल-सब्जियों, फ्रोजन प्रॉडक्ट्स और वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स के साथ ही मदर डेयरी धारा ब्रांड बेजिटेबल ऑयल के बिजनेस में लगातार बढ़ोतरी के साथ चालू वर्ष में बेहतर वृद्धि की उम्मीद कर रही है। मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश ने रूरल वॉयस के साथ खास बातचीत में कंपनी की भावी योजनाओं और चालू वित्त वर्ष के कारोबारी लक्ष्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मनीष बंदलिश का कहना है कि इस साल डेयरी कारोबार पिछले साल से बेहतर रहने की संभावना है। इस साल दूध की खरीद कीमतों में कुछ उतार-चढ़ाया आया था लेकिन अब यह स्थिर हैं। मदर डेयरी किसानों द्वारा स्थापित प्रॉडयूसर कंपनियों के जरिये और सीधे भी पशुपालकों से दूध की खरीद करती है। वहीं सफल स्टोर के माध्यम से फल-सब्जियां बेचने के लिए भी सीधे किसानों से इनकी खरीद करती है। राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की सब्सिडियरी होने के नाते यह मदर डेयरी का मेंडेट भी है कि वह किसानों से सीधे उनके उत्पादों की खरीद करें ताकि उनको बेहतर दाम मिल सकें।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में विस्तार
एक सवाल के जवाब में मनीष बंदलिश बताते है कि हमने विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पांच साल पहले वहां प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसका नतीजा यह रहा है कि अब हम वहां 28 हजार किसानों से चार लाख लीटर दूध प्रतिदिन खरीद रहे हैं। इसके लिए हमने नागपुर में एक प्लांट लगाया है। वहीं अब हम दूसरा प्लांट लगा रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही इस प्लांट के लिए आवंटित जमीन का पजेशन हमें मिला है। अगले दो साल में यह संयंत्र चालू हो जाएगा। छह लाख लीटर की प्रसंस्करण क्षमता वाले इस प्लांट की क्षमता को दस लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकेगा। जल्द ही वहां दूध की खरीद पांच से छह लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी। इस प्लांट के जरिये हम महाराष्ट्र के साथ छत्तीसगढ़ के मार्केट तक अपने उत्पाद पहुंचा सकेंगे क्योंकि नागपुर एक सेंट्रल लोकेशन वाली जगह है। वहां स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) के उत्पादन के लिए ड्रायर लगाने के साथ ही आइसक्रीम उत्पादन का संयंत्र की स्थापित किया जाएगा।
मातृत्व भावना पर जोर
मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा कि मदर डेयरी मातृ मूल्यों के महत्व को पहचानती है। मदर डेयरी ने अपने नवीनतम विज्ञापन कैंपेन में "ममता जैसी शुद्ध, माँ जैसी ममता" शीर्षक से अपना ब्रांड एंथम तैयार किया है जिसे जाने-माने गीतकार गुलज़ार ने लिखा है। उनका कहना है, "मदर डेयरी में, हम अपने काम के हर पहलू को उसी प्यार और देखभाल से जोड़ने में विश्वास करते हैं जो एक मां की पहचान है।"
40 देशों को पल्प का निर्यात
आइसक्रीम के मौजूदा बिजनेस पर मदर डेयरी के एमडी ने बताया कि अभी हमारा आइसक्रीम का 70 फीसदी बिजनेस उत्तर भारत में है लेकिन अब इसका भी विस्तार दूसरे राज्यों में करेंगे। मदर डेयरी की स्थापना 1974 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी। यह ऑपरेशन फ्लड के तहत एक पहल थी, जो दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम था। इसके तहत दूध किसानों के लिए मार्केट तैयार करना था और शहरी उपभोक्ताओं को दूध की उपलब्धता मुहैया करना था।
सफल ब्रांड के बिजनेस के बारे में उन्होंने बताया कि हम अपने आउटलेट के जरिये फल और सब्जियों की बिक्री कर रहे हैं। इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से कृषि उत्पादों को खरीदते हैं। मदर डेयरी का फ्रोजन उत्पादों का कारोबार भी तेजी बढ़ा है। इसके अलावा रांची और बेंगलुरु स्थित पल्प उत्पादन संयंत्रों में अल्फांसो और तोतापुरी आम के अलावा टमाटर और केला का प्रसंस्करण करने के साथ रांची में कोर्न का प्रसंस्करण भी करते हैं। हम 40 देशों को पल्प का निर्यात कर रहे हैं। पल्प का कारोबार बिजनेस टू बिजनेस यानी बी2बी होता है। खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को इसकी बिक्री होती है।
धारा की बिक्री में जबरदस्त उछाल
वहीं देश के सबसे पहले टेट्रा पैक में बिकने वाले खाद्य तेल ब्रांड धारा को लेकर मदर डेयरी प्रबंधन बहुत उत्साहित है। मनीश बेंदलिश का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में धारा की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। इसमें करीब 65 फीसदी हिस्सेदारी कच्ची घानी और सरसों तेल के दूसरे वेरिएंट की है जो बिहार और पूर्वोत्तर के मार्केट में तेजी से बढ़ रहा है। दक्षिण भारत में बड़े कारोबार के रूप में स्थापित दही का बिजनेस उत्तर भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। मनीश बताते हैं कि अब यहां भी बड़ी पैकेजिंग में दही का बल्क बिजनेस बढ़ रहा है। कैटरिंग व फूड बिजनेस की दूसरी श्रेणियों में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। हम भी इसमें इजाफा कर रहे हैं। हालांकि यह बिजनेस बी2बी होता है।
पिछले साल के मुकाबले चालू साल के कारोबार में करीब 15 फीसदी बढ़ोतरी के लक्ष्य के बारे में मदर डेयरी के एमडी कहते हैं कि हम यह लक्ष्य वॉल्यूम यानी उत्पादों की अधिक मात्रा में बिक्री के आधार पर लेकर चल रहे हैं। इसमें कीमतों में बढ़ोतरी को अभी आधार नहीं बनाया है। ऐसे में उनका यह बयान उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में दूध या उसके उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।