आंध्र प्रदेश के एफपीओ को भारत में पहली बार मोटे अनाजों के लिए मिला इंडजी.ए.पी सर्टिफिकेट, मिलेट निर्यात के बढ़े अवसर
इंडजी.ए.पी जैसी प्रमाणीकरण योजनाएं भारतीय किसानों और निर्यातकों के लिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करने में मदद करने के लिए डिजाइन की गई हैं। वैश्विक बाजारों तक पहुंचने के लिए यह आवश्यक है। इंडजी.ए.पी. सर्टिफिकेट को भारत में एक विश्वसनीय प्रमाणन कार्यक्रम के रूप में मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में इसे ग्लोबलजी.ए.पी. (GlobalG.A.P) जैसे वैश्विक मानकों से मुकाबले के लिए बेंचमार्क के रूप में तैयार किया जा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी मान्यता और विश्वसनीयता को और बढ़ाया जा सके।
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर स्थित एक किसान उत्पादक कंपनी (एफपीओ) मोटे अनाजों (फॉक्स मिलेट) के लिए इंडजी.ए.पी (IndG.A.P) सर्टिफिकेट पाने वाली पहली कंपनी बन गई है। इस उपलब्धि ने मोटे अनाजों के निर्यात का अवसर पैदा किया है। साथ ही एफपीओ और उत्पादकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस सर्टिफिकेट के लिए प्रयास करें। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2023 को मोटे अनाजों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और भारत ने इसे आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है।
अनंतपुर के एफपीओ श्री रापथडू मंडला रायथु उटपट्टी दारुला एमएसीएस लिमिटेड को फॉक्सटेल मिलेट के लिए इंडजी.ए.पी सर्टिफिकेट मिला है। चेन्नई की समुन्नती और हैदराबाद की ईफ्रेश एग्रीबिजनेस सॉल्यूशंस ने इसके लिए एफपीओ का सहयोग किया था। इंडजी.ए.पी जैसी प्रमाणीकरण योजनाएं भारतीय किसानों और निर्यातकों के लिए वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करने में मदद करने के लिए डिजाइन की गई हैं। वैश्विक बाजारों तक पहुंचने के लिए यह आवश्यक है। इंडजी.ए.पी. सर्टिफिकेट को भारत में एक विश्वसनीय प्रमाणन कार्यक्रम के रूप में मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में इसे ग्लोबलजी.ए.पी. (GlobalG.A.P) जैसे वैश्विक मानकों से मुकाबले के लिए बेंचमार्क के रूप में तैयार किया जा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी मान्यता और विश्वसनीयता को और बढ़ाया जा सके।
इंडजी.ए.पी. सर्टिफिकेट प्राप्त करके भारतीय किसान और निर्यातक अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों के मुताबिक खुद को प्रदर्शित कर सकते हैं। इससे वैश्विक बाजारों तक उनकी पहुंच बढ़ेगी। यह सर्टिफिकेट कृषि उपज की गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार के लिए समय के साथ कृषि पद्धतियों में निरंतर सुधार की एक रूपरेखा भी प्रदान करता है। इससे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
मोटे अनाजों के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक होने के बावजूद भारत ने 2021-22 के दौरान 3.432 करोड़ डॉलर के मोटे अनाज उत्पादों का निर्यात किया जो अपेक्षाकृत काफी कम मात्रा है। स्वस्थ और टिकाऊ खाद्य विकल्पों की बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए आने वाले वर्षों में भारत के पास मोटे अनाजों के उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की पूरी क्षमता है। इसे हासिल करने के लिए मोटे अनाजों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष और मेक इन इंडिया के माध्यम से केंद्र सरकार का मकसद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देना है।
समुन्नति के संस्थापक और सीईओ एसजी अनिल कुमार कहते हैं, “जीएपी सत्यापित जैसे एक मजबूत सर्टिफिकेशन को अपनाने से किसानों को अपनी उपज की ज्यादा कीमत पाने में आसानी होगी और भारत कृषि निर्यात में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा। यही कारण है कि समुन्नति ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों की एक्सपर्ट संस्था ईफ्रेश के साथ मिलकर इंडजी.ए.पी मानकों के प्रचार का नेतृत्व किया है। अनंतपुर के एफपीओ की इस उपलब्धि को सभी प्रमुख फसलों और जिंसों को समाहित करते हुए देश के सभी एफपीओ तक पहुंचाने की जरूरत है। यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारे प्रयास अब सफल हो रहे हैं। साथ ही निकट भविष्य में भारत को "दुनिया का मोटे अनाजों का कटोरा" बनाने और निर्यात एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।"
ईफ्रेश के प्रबंध निदेशक श्रीहरि कोटेला ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ 17065 के मुताबकि फॉक्सटेल मिलेट उत्पादन के लिए भारत में पहले एफपीओ को इंडजी.ए.पी से प्रमाणित होते हुए देखना बहुत संतोषजनक है। यह सही दिशा में एक बड़ा कदम है, खासकर बाजरा किसानों के लिए निर्यात और आमदनी बढ़ाने की दिशा में। इनमें से ज्यादातर छोटे किसान हैं।” एसजी अनिल कुमार का कहना है, “हमारा लक्ष्य निकट भविष्य में कम से कम 100 एफपीओ को इंडजी.ए.पी के तहत प्रमाणित करवाना है। इससे प्रमाणित होकर एफपीओ सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की पैदावार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर सकते हैं। इससे उनकी मार्केटिंग क्षमता और ज्यादा कीमात पाने वाले बाजारों तक पहुंच बढ़ सकती है। समुन्नति ने एफपीओ को व्यावसायिक रूप से व्यवहारिक बनाने के लिए पूरा समर्थन देते हुए उनके साथ जुड़ना जारी रखा है।”
इंडजी.ए.पी हासिल करने की प्रक्रिया में दो मुख्य गतिविधियां शामिल हैं। पहली और सबसे महत्वपूर्ण है खेत और एफपीओ के स्तर पर कार्यान्वयन (कुल गतिविधि का 95%) जिसे समुन्नति और ईफ्रेश द्वारा सुगम बनाया जाता है। इसके बाद है एक मान्यता प्राप्त प्रमाणन संस्था द्वारा मूल्यांकन (कुल गतिविधि का 5%)। इंडजी.ए.पी सर्टिनफिकेशन के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की सहायक कंपनी टीक्यू सर्ट सर्विसेज प्रा. लिमिटेड (TQ Cert Services Pvt Ltd) द्वारा मूल्यांकन किया गया था। यह भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India) द्वारा मान्यता प्राप्त एक स्वतंत्र निरीक्षण संस्था है।
चेन्नई मुख्यालय वाले समुन्नति की देश के 22 राज्यों में फैली 100 से अधिक कृषि मूल्य श्रृंखलाओं में उपस्थिति है। इसने अब तक 1.9 अरब डॉलर से अधिक के सकल लेनदेन मूल्य को संचालित किया है। इसकी पहुंच 4,600 किसानों समूहों तक है जिनके 80 से ज्यादा सदस्य हैं।