उत्तर भारत में सिल्क करोबार का विस्तार करेगी रेशा मंडी
रेशा मंडी भारत की पहली सिल्क एग्रीटेक कंपनी है जो देश के उत्तरी राज्यों में अपनी योजनाओं के विस्तार की घोषणा की है। इस कार्य के लिए कंपनी ने कार्य संचालन की व्यवस्था दिल्ली में शुरू कर दी है। बेंगलुरु स्थित इस स्टार्ट-अप की योजना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण भारत के रेशम उत्पादक राज्यों, उत्तर भारत में बुनकरों और रिटेलर्स के बीच सही तरीके से संपर्क स्थापित किया जा सके है। सप्लाई चेन में जो कमिया है उनको दूर किया जाय जिससे हितधारकों का आर्थिक जोखिम कम हो सके
दिल्ली, 31 जुलाई 2021
भारत की पहली सिल्क एग्रीटेक कंपनी रेशा मंडी ने देश के उत्तरी राज्यों में अपनी योजनाओं के विस्तार की घोषणा की है इस कार्य के संचालन के लिए दिल्ली में सेटअप स्थापित किया है । बेंगलुरु की स्टार्ट-अप कंपनी रेशा मंडी के दिल्ली में सेटअप स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य है दक्षिण भारत के रेशम उत्पादक राज्यों, उत्तर भारत में बुनकरों और रिटेलर्स के बीच सही तरीके से संपर्क स्थापित करना है। जिससे सप्लाई चेन में जो कमियां हैं उनको दूर किया जा सके। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का आर्थिक जोखिम को कम किया जाय औऱ तकनीक का इस्तेमाल कर बिचौलियों के हाथों रिटेलर्स और बुनकरों के शोषण को समाप्त किया जाय।
कोरोना महामारी के कारण जो प्रतिबंध लगाए गए थे उसकी वजह से सिल्क की दुकानों में घटती मांग और घटते फुटफॉल के कारण रेशम बुनकरों और रिटेलर्स की कमाई करने के अवसरों में भारी कमी आई गई है। दिल्ली में रेशा मंडी का यह ब्ल्यू प्रिंट एक व्यवहारिक कदम के रूप में देखा जा सकता है जिसका उद्देश्य अनियमित क्षेत्र में स्टैंडर्डाइज़ेशन और ट्रांसपेरेंसी लाना है। कंपनी के मुख्य प्रस्तावों में बुनकर समुदाय के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) परीक्षण क्वालिटी वाले ग्रेडेड यार्न शामिल हैं ताकि इससे उत्पाद का बेहतर दाम मिल सके। कंपनी वित्तीय सहायता देने के साथ करोबार टर्नओवर बढ़ाने के लिए भी मदद करेगी । रेशा मंडी 300 से अधिक खुदरा विक्रेताओं के नेटवर्क के साथ काम करती है और सामान बेचने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
रेशा मंडी कम्पनी के संस्थापक और सीईओ, मयंक तिवारी ने कहा है कि दिल्ली में हमारी सेवाओं का विस्तार हमारी व्यापार विकास रणनीति और रेशम में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है । दक्षिणी राज्यों में अपने पैर जमाने के बाद, अब हम उत्तर में रेशम बुनकरों और खुदरा विक्रेताओं (रिटेलर्स ) के व्यवसाय को विकसित करेंगे। उन्होंने कहा हमने जो नेटवर्क बनाया है औऱ तकनीक विकसित की हैं उसके आधार पर हम क्षमताओं का लाभ उठाते हुए भारत के रेशम उद्योग को एक नई दिशा प्रदान करेंगे जिससे कि रेशम करोबार में देश और आगे बढ़ सके इसके लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच मजबूत सहयोग हो इसकी उम्मीद करते हैं ताकि, देश रेशम में आत्मनिर्भरता के सपने की ओर हम अग्रसर हो सकें।
रेशा मंडी ने मार्च 2021 में सीड फंडिंग के तहत 17 लाख डॉलर जुटाए। 2020 में कंपनी की स्थापना के बाद रेशा मंडी ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में अपने आप को सफलतापूर्वक मजबूत किया है, जहां यह 12000 से अधिक रेशम किसानों, 560 रीरिलर्स, 3840 बुनकरों और 300 खुदरा विक्रेताओं के नेटवर्क के साथ सीधे काम कर रही है रेशम उद्योग के उत्थान के लिए उत्पादन की बेहतर पद्यति और वैज्ञानिक तकनीक से भी लोगों के अवगत कराते हैं। इस पहल से रेशम उत्पादन में बढोत्तरी के साथ इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के आय में वृद्धि हुई है। साथ ही ऱेशम के बने समान खरीदने वाले अंतिम उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में कमी आई है। रेशा मंडी इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को मोबाइल एप्लिकेशन से जोड़ती है और उनके रेशम उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति की सुविधा प्रदान करता है।