चीनी उत्पादन में 14% की गिरावट, अब तक 186 चीनी मिलों में पेराई बंद
28 फरवरी तक देश का कुल चीनी उत्पादन 219 लाख टन रहा है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 254 टन चीनी उत्पादन से लगभग 14 फीसदी कम है। अब तक देश में 186 चीनी मिलें पेराई कार्य बंद कर चुकी हैं जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 72 चीनी मिलें बंद हुई थीं।
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चालू पेराई सीजन 2024-25 में अब तक देश के चीनी उत्पादन में लगभग 14 फीसदी की गिरावट आई है और 186 चीनी मिलें पेराई बंद कर चुकी हैं। ऐसे में सीजन के आखिर तक कुल चीनी उत्पादन घटकर 265 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल के 319 लाख टन चीनी उत्पादन से लगभग 17 फीसदी कम है।
राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) की ओर से 28 फरवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 219.95 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 254 टन चीनी उत्पादन से लगभग 14 फीसदी कम है। एनएफसीएसएफ के अनुसार, अब तक देश भर में 186 चीनी मिलें पेराई बंद कर चुकी हैं जबकि पिछले साल इस अवधि तक केवल 72 चीनी मिलें बंद हुई थीं।
इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने भी 28 फरवरी तक देश में 219.78 लाख टन चीनी उत्पादन का आंकड़ा दिया है। इस्मा के अनुसार, अब तक 177 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है, जबकि 355 मिलें चालू हैं। सीजन की शुरुआत 532 चीनी मिलों में पेराई से हुई थी।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछले पखवाड़े में चीनी मिलें तेजी से बंद हुई हैं। एनएफसीएसएफ के अनुसार, 28 फरवरी तक यूपी में 15, महाराष्ट्र में 94 और कर्नाटक में 52 चीनी मिलें पेराई बंद कर चुकी हैं।
चीनी उत्पादन की स्थिति
स्रोत: NFCSF
उत्पादन को झटका
इस साल गन्ने की फसल पर मौसम और रोगों की मार के चलते चीनी मिलों को पर्याप्त गन्ना नहीं मिल पाया। यही कारण है कि फरवरी के आखिर तक देश की लगभग एक तिहाई चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं। इसी का नतीजा है कि इस साल देश का चीनी उत्पादन घटकर 265 लाख टन रहने का अनुमान है। यह एथेनॉल उत्पादन के लिए हुए चीनी डायवर्जन के अलावा है।
अब तक लगभग 21 लाख टन चीनी का डायवर्जन एथेनॉल उत्पादन के लिए हुआ है। चीनी उत्पादन में गिरावट से एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम और चीनी निर्यात की नीति पर भी सरकार को पुनर्विचार करना पड़ा सकता है।
रिकवरी में कमी
इस साल शुगर रिकवरी में भी काफी गिरावट आई है। एनएफसीएसएफ के अनुसार, देश में शुगर रिकवरी पिछले साल 9.95 फीसदी थी जो 28 फरवरी तक घटकर 9.22 फीसदी रह गई। शुगर रिकवरी में सर्वाधिक गिरावट कर्नाटक में दर्ज की गई है जहां शुगर रिकवरी 8.50 फीसदी है। यूपी में 9.45 फीसदी और महाराष्ट्र में 9.35 फीसदी शुगर रिकवरी दर्ज की गई है। पिछले साल यूपी में 10.30 फीसदी और महाराष्ट्र में 10 फीसदी शुगर रिकवरी थी।
हालांकि, इस्मा का कहना है कि यूपी में गन्ने में सुक्रोज कंटेंट में सुधार हो रहा है और यह पिछले सीजन के स्तर पर पहुंच गया है। इससे सीजन के आखिर तक, पहले हाफ के दौरान हुई कम चीनी रिकवरी की आंशिक रूप से भरपाई हो सकती है।
YTD |
28th Feb’2025 |
|||
|
Number of Factories |
Sugar Production (Lac Tons) |
||
ZONE |
Started |
Closed |
Operating |
|
U.P. |
122 |
14 |
108 |
72.93 |
Maharashtra |
200 |
86 |
114 |
74.80 |
Karnataka |
78 |
55 |
23 |
38.20 |
Gujarat |
15 |
2 |
13 |
6.82 |
Tamil Nadu |
30 |
3 |
27 |
2.90 |
Others |
87 |
17 |
70 |
24.13 |
ALL INDIA |
532 |
177 |
355 |
219.78 |
(स्रोत: ISMA, चीनी उत्पादन के आंकड़े एथेनॉल के लिए शुगर डायवर्जन के बाद के हैं)