आयोटेकवर्ल्ड का एसबीआई से करार, एग्री ड्रोन के लिए तीन फीसदी ब्याज छूट पर मिलेगा लोन
आयोटेकवर्ल्ड के एग्री ड्रोन खरीदने के लिए एसबीआई किसानों को केंद्र सरकार की योजना के तहत रियायती दर पर लोन उपलब्ध कराएगा। यह लोन कोलेटरल फ्री होगा यानी लोन लेने के लिए किसानों को कुछ भी गिरवी नहीं रखना होगा।
एग्री ड्रोन बनाने वाली कंपनी आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से समझौता किया है। इस समझौते के तहत आयोटेकवर्ल्ड के एग्री ड्रोन खरीदने के लिए एसबीआई किसानों को केंद्र सरकार की योजना के तहत रियायती दर पर लोन उपलब्ध कराएगा। यह लोन कोलेटरल फ्री होगा यानी लोन लेने के लिए किसानों को कुछ भी गिरवी नहीं रखना होगा।
गुरुग्राम स्थित ड्रोन निर्माता कंपनी के सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने बताया कि आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के ग्राहकों को एसबीआई बाजार दर पर लोन उपलब्ध कराएगा। उस कर्ज पर भारत सरकार के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के तहत ब्याज में 3 फीसदी की छूट दी जाएगी। यह समझौता 1 फरवरी को हुआ। इस समझौते पर एसबीआई के डीजीएम (आईसी एवं जीएल, एबीयू एवं जीएसएस) योगेंद्र शेल्के और आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन प्रा. के निदेशक एवं सह-संस्थापक दीपक भारद्वाज ने हस्ताक्षर किए। भारद्वाज ने कहा, "भारत के कृषि क्षेत्र के लिए ड्रोन वरदान साबित होने वाला है। एसबीआई की कर्ज सुविधा उन किसानों के लिए बेहद मददगार साबित होगी जो संस्थागत वित्त सुविधा के अभाव में ड्रोन नहीं खरीद पा रहे थे।" आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के 'एग्रीबोट ड्रोन' को भारत का सबसे पहला डीजीसीए "टाइप सर्टिफिकेशन" प्राप्त है। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कंपनी को यह सर्टिफिकेशन जून 2022 में दिया था।
इस साझेदारी पर खुशी जताते हुए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय ने कहा, "ड्रोन खेती में इस्तेमाल होने वाले उर्वरक और कीटनाशक के छिड़काव में सहायता करते हैं। इससे खेती की लागत में कमी आती है। ड्रोन के इस्तेमाल से न सिर्फ पैदावार बढ़ती है, बल्कि समय भी बचाता है। भारतीय कृषि के लिए ड्रोन चमत्कार साबित होने वाले हैं।" वर्ष 2020 में शुरू की गई एआईएफ योजना के तहत वित्त वर्ष 2025-26 तक एक लाख करोड़ रुपये वितरित करने और 2032-33 तक ब्याज में छूट एवं कर्ज गारंटी सहायता दी जानी है। अभी तक एआईएफ के तहत 15,000 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इसके तहत किसान, कृषि क्षेत्र के स्टार्टअप एवं उद्यमी, एफपीओ, पीएसीएस, विपणन, सहकारी समितियां, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुउद्देशीय सहकारी समितियां और केंद्र व राज्यों की एजेंसी या स्थानीय निकाय द्वारा पोषित पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स कटाई के बाद फसल प्रबंधन और तकनीकी विकास के लिए दो करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं। इसमें ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं जैसे ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म, वेयर हाउस, सायलो, पैक हाउसेस, जांच ईकाई, छंटाई एवं श्रेणीकरण इकाइयां (सॉर्टिंग एंड ग्रेडिंग यूनिट्स), कोल्ड स्टोरेज, माल ढुलाई सुविधाएं, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर्स और रायपानिंग चैम्बर्स आदि के लिए कर्ज की सुविधा शामिल है।