आईआईटी कानपुर का प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर में, एग्रीटेक समेत विभिन्न क्षेत्रों में बिजनेस बढ़ाने पर होगी चर्चा
आईआईटी कानपुर के अनुसार प्रतिनिधिमंडल में एग्रीटेक के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े 16 प्रमुख स्टार्टअप के लोग शामिल हैं। यह सिंगापुर में कई अंतरराष्ट्रीय उद्योगपतियों और वेंचर कैपिटलिस्ट के साथ बातचीत करेंगे
आईआईटी कानपुर ने एग्रीटेक समेत विभिन्न तरह के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सिंगापुर के साथ हाथ मिलाया है। आईआईटी कानपुर में एक स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इन्नोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) है। इसने कई सेक्टर के बिजनेस प्रतिनिधियों को सिंगापुर भेजा है। प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता एसआईआईसी के सीईओ निखिल अग्रवाल कर रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 16 से 20 मई तक सिंगापुर में अपने समकक्ष लोगों और इंडस्ट्री के साथ अनेक मुद्दों पर चर्चा करेगा।
आईआईटी कानपुर के अनुसार प्रतिनिधिमंडल में एग्रीटेक के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े 16 प्रमुख स्टार्टअप के लोग शामिल हैं। यह सिंगापुर में कई अंतरराष्ट्रीय उद्योगपतियों और वेंचर कैपिटलिस्ट के साथ बातचीत करेंगे। उनकी मुलाकात आईआईटी एलुमनाई एसोसिएशन सिंगापुर के साथ भी होगी। विभिन्न उद्योगपतियों के साथ चर्चा में नेटवर्किंग के अवसर तलाशे जाएंगे तथा सिंगापुर स्थित वेंचर कैपिटलिस्ट और निवेशकों के साथ आगे जुड़ाव की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।
एसआईआईसी के प्रोफेसर इंचार्ज (इनक्यूबेशन और इनोवेशन) प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय ने कहा, एसआईआईसी में बनी अनेक कंपनियों के प्रोडक्ट विश्व स्तर के हैं इसलिए उनका वैश्विक ग्राहकों के साथ जुड़ाव होना जरूरी है। एसआईआईसी के सीईओ अग्रवाल ने कहा, भारतीय स्टार्टअप को ऐसे इनोवेशन करने चाहिए जिनका ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर फायदा लिया जा सके। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर का प्रतिनिधिमंडल जो सिंगापुर गया है उससे भारतीय इनोवेटर को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, प्रौद्योगिकी एक्सचेंज तथा निवेश के मामले में काफी फायदा होगा।
एसआईआईसी की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी। यह भारत के सबसे पुराने टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर में एक है। यह इनोवेशन सेंटर विचारों को बिजनेस में तब्दील करने के बीच की सभी खामियों को पूरा करता है।