अक्षय कुमार और वीरेंद्र सहवाग ने टीबीओएफ में किया निवेश, एग्री स्टार्टअप ने जुटाए 14.5 करोड़
जानेमाने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार और पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने पुणे स्थित एग्री स्टार्टअप टू ब्रदर्स ऑर्गेनिक फार्म्स (टीबीओएफ) में निवेश किया है। कंपनी ने इन दोनों निवेशकों सहित अन्य निवेशकों से 14.5 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सत्यजित हंगे और अजिंक्य हंगे नामक दो भाइयों द्वारा स्थापित इस स्टार्टअप से 16 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं।
जानेमाने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार और पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने पुणे स्थित एग्री स्टार्टअप टू ब्रदर्स ऑर्गेनिक फार्म्स (टीबीओएफ) में निवेश किया है। कंपनी ने इन दोनों निवेशकों सहित अन्य निवेशकों से 14.5 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सत्यजित हंगे और अजिंक्य हंगे नामक दो भाइयों द्वारा स्थापित इस स्टार्टअप से 16 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं।
टू ब्रदर्स ऑर्गेनिक फार्म्स की ओर से जारी एक बयान में दोनों दिग्गज हस्तियों द्वारा किए गए निवेश की जानकारी दी गई है। हालांकि, यह जानकारी नहीं दी गई है कि किसने कितना निवेश किया है। बयान में कहा गया है कि इस फंडिंग का उपयोग टीबीओएफ की विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने, किसान प्रशिक्षण केंद्र बनाने और अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारोबार का विस्तार करने में किया जाएगा। साथ ही किसानों को सशक्त बनाने, गांवों में महिलाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने और ग्रामीणों के जीवन सुधारने में इस निवेश से मदद मिलेगी।
टीबीओएफ विभिन्न प्रकार के ऑर्गेनिक और प्राकृतिक तत्वों पर आधारित उत्पादों को बेचता है। इसमें एक विस्तृत रेंज का कल्चर्ड ए2 घी, मिलेट और अन्य अनाजों का आटा, वुड प्रेस्ड तेल और नट बटर शामिल हैं। साथ ही फलों, सब्जियों, अनाज एवं दालों की प्राकृतिक एवं जैविक खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण एवं बढ़ावा देता है। टीबीओएफ पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ा है और हजारों परिवारों से जुड़ा हुआ है। इसके अधिकांश ग्राहक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, मोबाइल ऐप और प्रमुख खाद्य सुपरस्टोर के माध्यम से देश के 1,000 शहरों समेत 53 देशों में हैं।
पुणे के भोदाणी के रहने वाले हंगे ब्रदर्स किसान परिवार से हैं। दोनों ने एमबीए करने के बाद बैंकर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। कॉरपोरेट की नौकरी छोड़कर दोनों ने अपनी जड़ों से जुड़ने और कृषि क्षेत्र में काम करने का फैसला किया। 2013 में उन्होंने टीबीओएफ की स्थापना की। पिछले कुछ वर्षों में कुशल कृषि में टीबीओएफ ने 16,000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया है। इसके अलावा किसानों को जैविक खेती का महत्व को समझाने के लिए कई पहल किए हैं।
अक्षय कुमार ने टीबीओएफ में किए निवेश पर कहा, "मैं टीबीओएफ के दृष्टिकोण और जैविक खेती के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता में विश्वास रखता हूं। मुझे खुशी है कि मैं उन सभी का हिस्सा हूं जो टीबीओएफ को आगे बढ़ने की यात्रा में जुड़े हुए हैं।"
वीरेंद्र सहवाग ने कहा, टीबीओएफ द्वारा की जा रही खेती को देखने के बाद इसमें निवेश करने का मैंने फैसला किया है। टीबीओएफ की सतत कृषि और ग्रामीण विकास के मिशन को समर्थन देने के लिए मैं उत्साहित हूं। उनके द्वारा किसानों के जीवन में लाए गए सकारात्मक परिणाम देखकर दिल खुश हुआ।"
टीबीओएफ के सह-संस्थापक सत्यजित हंगे ने कहा, "निवेशकों के सहयोग से हम भारत में ऑर्गेनिक खेती को क्रांतिकारी बनाना जारी रखेंगे और ग्रामीण समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।"