एजेंडा फॉर रूरल इंडियाः उत्तर-पूर्वी ग्रामीण भारत की हकीकत
'एजेंडा फॉर रूरल इंडिया- मेघालय' सम्मेलन में राज्य के सात जिलों के प्रतिभागियों के विविध समूहों ने अपने अनुभवों और दृष्टिकोणों के आधार पर ग्रामीण विकास और स्थायित्व पर विस्तृत और सार्थक चर्चा की। दुनिया के सबसे अधिक बारिश वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में अपनी पहचान के बावजूद मेघालय सर्दियों में पानी की कमी की समस्या से जूझता है। पीने के लिए साफ पानी की कमी तो होती ही है, खेती में सिंचाई के लिए भी पानी कम मिलता है।
'एजेंडा फॉर रूरल इंडिया- मेघालय' सम्मेलन में राज्य के सात जिलों के प्रतिभागियों के विविध समूहों ने अपने अनुभवों और दृष्टिकोणों के आधार पर ग्रामीण विकास और स्थायित्व पर विस्तृत और सार्थक चर्चा की। दुनिया के सबसे अधिक बारिश वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में अपनी पहचान के बावजूद मेघालय सर्दियों में पानी की कमी की समस्या से जूझता है। पीने के लिए साफ पानी की कमी तो होती ही है, खेती में सिंचाई के लिए भी पानी कम मिलता है।
कुछ प्रमुख निष्कर्ष
आजीविकाः पूर्वी जैंतिया हिल्स से आए एक प्रतिभागी ने कहा, 'हमें अपनी आजीविका के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।' उन्होंने राज्य में बेरोजगारी की व्यापक स्थिति पर अपने विचार साझा करते हुए युवाओं को श्रम बल में समाहित करने के लिए नौकरी के अवसरों और कौशल विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रतिभागियों के मुताबिक, उद्यमिता और ग्रामीण उद्यम को प्रोत्साहित करने के नए तरीके खोजना आजीविका की संभावनाएं बढ़ाने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
ग्रामीण विकासः प्रतिभागियों ने रोड नेटवर्क के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि इसकी कमी न सिर्फ पहुंच को बाधित करती है, बल्कि व्यापार और परिवहन के अवसरों को भी सीमित करती है। उन्होंने बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे की अपर्याप्तता के साथ-साथ अनियमित शिक्षकों और बीच में ही स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर ज्यादा होने के कारण शिक्षा सुविधाओं की कमी को भी सामने रखा।
जलवायु परिवर्तनः ज्यादातर प्रतिभागियों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से कीटों का संक्रमण बढ़ गया है जिससे पैदावार पर खतरा पैदा हो गया है। किसानों ने फसलों का उचित मूल्य पाने के लिए संघर्ष और भुगतान में देरी का अनुभव साझा करते हुए चिंता जताई। पूर्वी पश्चिमी खासी हिल्स के एक किसान ने कहा कि मौसम में अचानक बदलाव और चरम घटनाओं में वृद्धि ने पैदावार और किसानों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
कृषिः किसानों ने सरकार से नियामकीय भूमिका की भी मांग की, ताकि कृषि बाजार में उनके हितों की रक्षा की जा सके, निष्पक्षता बढ़े और यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्र स्थिर और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बना रहे।
नशीले पदार्थों का सेवनः युवाओं में बढ़ती नशाखोरी एक प्रमुख सामाजिक मुद्दे के रूप में उभरी, जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियां पैदा करती है। एक ग्रामीण कार्यकारी सदस्य ने कहा कि कम उम्र में विवाह की प्रथा बच्चों के समग्र कल्याण और शिक्षा एवं अवसरों तक पहुंच पर सवाल उठाती है।
युवाओं से संवादः मेघालय के युवाओं ने सड़कों, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसे बुनियादी ग्रामीण ढांचे पर ध्यान न देने जैसी अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की विशाल क्षमता का इस्तेमाल करने, पर्यटन को बढ़ावा देने, खेल के अवसरों और कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, सम्मेलन में उन तरीकों की खोज पर चर्चा हुई जिसके माध्यम से युवा उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा दे सकते हैं और अपने समुदायों के विकास और समृद्धि में योगदान दे सकते हैं।
मतदान की प्राथमिकताः प्रतिभागियों ने बताया कि समग्र ग्रामीण विकास का समर्थन करने वाले उम्मीदवारों को ही वे आगामी विधानसभा चुनाव में वोट देंगे। उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में व्यापक सड़क संपर्क, किफायती स्वास्थ्य सेवा, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और रोजगार सृजन के साथ 2025 तक जीरो लोड शेडिंग के साथ नियमित और निर्बाध बिजली का आश्वासन शामिल है।
(लेखक सॉक्रेटस में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर हैं।)