केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सहकारी संस्थाओं के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार सहकारिता आंदोलन को सशक्त करेगी ताकि जमीनी स्तर की सहकारिताओं को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि देश की 38000 हेक्टेयर जमीन जो खाली पड़ा है, वहां सहकारी समितियां जैसे इफको, कृभको जैसी सहकारी संस्थाओं को बीज उत्पादन के क्षेत्र में भी आगे आना होगा ताकि कृषि को मज़बूत किया जा सके। इसके साथ ही सहकारिताओं को जैविक खेती में भी आगे आना होगा। नेशनल कोआपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) द्वारा इस संबंध में जारी एक प्रेस रिलीज में यह बातें कही गई हैं।
एनसीयूआई के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा हाल के मंत्रिमंडल विस्तार के ठीक पहले गठित नये सहकारिता मंत्रालय का सबसे पहले मंत्री के रूप में जिम्मा संभालने वाले अमित शाह को शनिवार को मिलने वाले सहकारी क्षेत्र के संगठनों के प्रतिनिधियों में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष दिलीप संघानी, नेफेड अध्यक्ष बिजेन्दर सिंह, कृभको अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव, इफको के अध्यक्ष बी. एस. नकई इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी शामिल थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हाल के मंत्रीमंडल विस्तार के समय नवगठित सहकारिता मंत्रालय का जिम्मा भी दिया गया है जो सरकार द्वारा इस क्षेत्र को लेकर गंभीरता को दर्शाता है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि फार्मर प्रॉड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) को जो सुविधाएं और रियायतें दी जा रहीं हैं यह सुविधाएं प्राथमिक सहकारी समितियों को भी दी जाएंगी ताकि उन्हें सशक्त किया जा सके।