हिमाचल में यूनिवर्सल कार्टन के दाम तय, अब इतनी होगी कीमत
हिमाचल प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन के दाम तय हो गए हैं। बागवानों को ब्राउन यूनिवर्सल कार्टन 48 रुपये और सफेद यूनिवर्सल कार्टन 56 रुपये में उपलब्ध करवाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन के दाम तय कर दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचपीएमसी) ने पिछले साल के मुकाबले कार्टन के दामों में कटौती की है। जिसमें ब्राउन यूनिवर्सल कार्टन का दाम 48 रुपये और सफेद यूनिवर्सल कार्टन का दाम 56 रुपये तय किया गया है। इस कीमत पर बागवानों को जीएसटी अलग से चुकाना होगा। पिछले साल ब्राउन कार्टन का दाम 51.50 रुपये और सफेद का दाम 63.50 रुपये था। दोनों कार्टन की कीमतों में 7.50 और 3.50 रुपये की कटौती की गई है। इस लिहाज से बागवानों को कार्टन के दाम पर कुछ हद तक राहत मिली है। हालांकि, बागवानों का कहना है कि दाम और कम किए जा सकते थे।
बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाने के लिए सोमवार को एचपीएमसी ने टेंडर प्रक्रिया पूरी की। जानकारी के अनुसार, एचपीएमसी ने कार्टन कंपनियों द्वारा प्राप्त आवेदनों की जांच की और दी गई कीमतों का आकलन किया। टेंडर प्रक्रिया में शिवालिक कंटेनर्ज, जेज पैकर्स और जसमेर मेकर्स को शॉर्टलिस्ट किया गया। अब यही कंपनियां एचपीएमसी को कार्टन उपलब्ध कराएंगे। एचपीएमसी ने तीनों कंपनियों को एक हफ्ते के अंदर कार्टन उपलब्ध करवाने को कहा है। इस साल कार्टन पर जीसएटी की दरें भी पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी कम है। हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कार्टन पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। जिसका फायदा हिमाचल के बागवानों को भी हुई है।
महाप्रबंधक, एचपीएमसी, सन्नी शर्मा ने रूरल वॉयस से बात करते हुए बताया कि इस साल हिमाचल में सेब सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में ही बेचा जाएगा। जिसके लिए यूनिवर्सल कार्टन की कीमतें तय कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि बागवानों को ब्राउन यूनिवर्सल कार्टन 48 रुपये और सफेद यूनिवर्सल कार्टन 56 रुपये में उपलब्ध करवाया जाएगा। इस पर बागवानों को 12 फीसदी जीएसटी अतिरिक्त चुकानी होगी।
वहीं, प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने रूरल वॉयस को बताया कि सरकार ने भले ही कार्टन की कीमतों में कटौती की है। लेकिन, दाम 2 से 5 रुपये और कम किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में हर साल 3 से 4 करोड़ पेटी सेब होता है। जबकि, एचपीएसी हर साल सिर्फ 15-20 लाख कार्टन ही उपलब्ध करवा पाता है। एचपीएमसी का दाम हर साल मार्केट रेट से 2 से 10 रुपये तक ज्यादा होता है। सरकारी एजेंसी का रेट ज्यादा होने से बाजार में भी कीमत बढ़ जाती है। ऐसे में एचपीएमसी को अपना दाम और कम करना चाहिए था।
यूनिवर्सल और टेलीस्कोपिक कार्टन में अंतर
यूनिवर्सल कार्टन में जहां एक सिंगल पीस बॉक्स होता है। वहीं, टेलीस्कोपिक कार्टन में दो बॉक्स होते हैं। इसमें 5 लेयर की पेटी को बढ़ाकर 7 लेयर तक किया जा सकता है। जबकि, यूनिवर्सल कार्टन फिक्स होता है और इसमें 5 लेयर ही पैक की जा सकती है। जिसका वजन 20 किलो तक होता है। यूनिवर्सल कार्टन का फायदा यह होगा की बागवानों को अब तय वजन के हिसाब से सेब का पैसा मिलेगा। जबकि, पहले टेलीस्कोपिक कार्टन में उन्हें ज्यादा सेब कम भाव में देना पड़ता था। यूनिवर्सल कार्टन के आने से बागवानों को कितना फायदा होता है, यह तो मौजूदा सेब सीजन खत्म होने के बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल, प्रदेश सरकार ने राज्य में सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य कर दिया है।