किसानों की रिहाई के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया, लेकिन अनशन जारी: एसकेएम (एनपी) व केएमएम 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। सरकारी तंत्र द्वारा उनके आमरण अनशन समाप्त करने जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं

किसानों की रिहाई के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया, लेकिन अनशन जारी: एसकेएम (एनपी) व केएमएम 

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को किसानों को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब सरकार ने दावा किया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पानी पीकर अपना अनशन तोड़ दिया है। यह जानकारी पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ को दी।

इस दावे पर आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ पानी पिया है। 10 दिनों से पानी की एक बूंद भी उनके अंदर नहीं गयी थी। उन्होंने कहा था कि जब तक सभी किसान जेलों से बाहर नहीं आएंगे तब तक पानी भी ग्रहण नहीं करूंगा, आज सुबह 2 बजे सभी जेलों से किसानों को रिहा किया गया। एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर डल्लेवाल 26 नवंबर 2024 से आमरण अनशन शुरू किया था। जनवरी में उन्होंने मेडिकल सहायता भी मुश्किल से ली थी। 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। सरकारी तंत्र द्वारा उनके आमरण अनशन समाप्त करने जैसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दोनों मोर्चों की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आज सुबह पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद सभी किसानों के रिहा होने के बाद अपने आमरण अनशन के 123वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया और मेडिकल सहायता लेनी शुरू की।

डल्लेवाल फिलहाल पटियाला के एक निजी अस्पताल में हैं। उनकी तबियत बेहद नाजुक बनी हुई है। उन्हें बोलने में भी समस्या आ रही है। हालांकि, पंजाब पुलिस का कहना है कि अभी वह हिरासत में नहीं हैं।

गत 19 मार्च को पंजाब पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को गिरफ्तार कर खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसान मोर्चे हटाने की कार्रवाई की थी। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई और किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में डल्लेवाल ने 19 मार्च से पानी भी नहीं पीया था।

सरवन सिंह पंधेर, काका सिंह कोटडा और अभिमन्यु कोहाड़ सहित 245 किसानों के समूह को शुक्रवार की सुबह पटियाला जेल से रिहा किए जाने के बाद उन्होंने जल ग्रहण किया। विभिन्न जेलों से रिहा होने के बाद, कई किसान नेताओं ने पटियाला के अस्पताल में पहुंचकर डल्लेवाल से मुलाकात की। 

70 वर्षीय किसान नेता कैंसर से भी जूझ रहे हैं, जिसके बावजूद उन्होंने अपनी मांगों के लिए लंबा संघर्ष जारी रखा। शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल की सराहना करते हुए उन्हें "सच्चा किसान नेता" करार दिया, जिन्होंने बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के कृषक समुदाय के वास्तविक मुद्दों को उठाया है। डल्लेवाल का यह अनशन किसान आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जिसने देश भर में किसानों के मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!