मध्य प्रदेश के हर जिले में ‘किसान न्याय यात्रा’ निकालेगी कांग्रेस, मंदसौर से शुरुआत

मध्य प्रदेश के हर जिले में ‘किसान न्याय यात्रा’ निकालेगी कांग्रेस, मंदसौर से शुरुआत

मध्य प्रदेश में कांग्रेस किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरने में जुटी है। किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी और सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये करने की मांग को लेकर कांग्रेस हर जिले में ‘किसान न्याय यात्रा’ निकालेगी। इसका आगाज 10 सितंबर को मंदसौर जिले के गरोठ से किया जाएगा। 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार किसानों की आमदनी पर वार कर रही है। किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेश के हर जिले में ‘किसान न्याय यात्रानिकाली जाएगी। कांग्रेस 20 सितंबर को फसलों के एमएसपी बढ़ाने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी। 'किसान न्याय यात्रा' के तहत उस दिन सभी 55 जिलों के कलेक्टर कार्यालयों का घेराव किया जाएगा। जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस इस मांग और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को मुखरता से उठाएगी।

केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए जीतू पटवारी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते हैं, लेकिन किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार किसानों से सोयाबीन 6,000 रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं 2,700 रुपये प्रति क्विंटल और धान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल खरीदे। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में गेहूं के लिए 2700 रुपये और धान के लिए 3100 रुपये एमएसपी देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा यह वादा भूल गई।

पटवारी ने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते 5 सितम्बर को मध्य प्रदेश के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। कृषि मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि प्राइस सपोर्ट स्कीम के माध्यम से सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी। मगर मध्य प्रदेश को इस योजना से बाहर रखा गया है। प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए किसानों के हितों पर कुठाराघात किया गया है।

सोयाबीन की कीमतों का मुद्दा उठाते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन का भाव लगभग 4000 रूपये प्रति क्विंटल पर आ गया है। जबकि समर्थन मूल्य 4892 रुपये प्रति क्विंटल है जो नाकाफी है। मोदी सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य तय करते वक्त लागत मूल्य 3261 रुपये निर्धारित किया है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को सूचित किया था कि राज्य में सोयाबीन की उत्पादन लागत 4455 रुपये प्रति क्विंटल आती है। इस तरह किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है और लागत मूल्य कम दिखाकर किसानों को सही दाम से वंचित रखा जा रहा है।  

 

 

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