चौथे रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव का आयोजन आज, विशेषज्ञ करेंगे ‘किसानों के लिए संस्था निर्माण’ पर चर्चा
इस साल के समारोह की थीम ‘किसानों के लिए संस्था निर्माण’ है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन विभाग की सचिव अलका उपाध्याय, इफको के प्रबंध निदेश डॉ. यूएस अवस्थी, कृभको चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी, पूर्व सांसद एवं बिहार के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार केसी त्यागी के अलावा देश भर से किसान शामिल होंगे।
आज 23 दिसंबर को किसान दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थिति इंडिया हैबिटेट सेंटर में चौथे ‘रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नैकॉफ अवॉर्ड्स 2024’ का आयोजन किया जा रहा है। इस साल के समारोह की थीम ‘किसानों के लिए संस्था निर्माण’ है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन मंत्रालय की सचिव अलका उपाध्याय, कृभको के चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी, पूर्व सांसद एवं बिहार के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार केसी त्यागी के अलावा देश भर से किसान शामिल होंगे। इसके साथ ही रूरल वॉयस अपनी स्थापना के पांचवें साल में प्रवेश कर रहा है।
सम्मेलन में कृषि विशेषज्ञ, नीति निर्माता, बिजनेस लीडर और किसान प्रतिनिधि “किसानों के लिए संस्था निर्माण” विषय से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखेंगे। इस अवसर पर कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसान, सहकारी संस्था, निजी क्षेत्र की संस्था और सार्वजनिक संस्थान को सम्मानित भी किया जाएगा। साथ ही ‘रूरल वर्ल्ड’ पत्रिका की वेबसाइट और नवीनतम अंक का विमोचन भी होगा।
रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव में चर्चा के चार सत्र और एक समापन सत्र होगा। पहला सत्र “अगली पीढ़ी की कृषि के लिए, अगली पीढ़ी की सहकारी संस्थाओं” पर केंद्रित होगा। दूसरे सत्र में “निजी क्षेत्र: किसानों की भागीदारी” पर चर्चा होगी। तीसरे सत्र में विशेषज्ञ “किसानों के लिए सार्वजनिक संस्थानों” के विषय पर अपने अनुभव साझा करेंगे। सम्मेलन का चौथा सत्र “किसानों के लिए संस्थाओं के विकास में सहायक नीतिगत वातावरण” पर केंद्रित रहेगा। इन सत्रों में किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें बाजार मुहैया कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायक संस्थाओं के निर्माण और उन्हें सशक्त बनाने पर मंथन होगा।