पेट्रोलियम कंपनियां 2024-25 में चीनी उद्योग से 391 करोड़ लीटर एथेनाल खरीदेंगी

पेट्रोल में एथेनॉल ब्लैंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) के लिए पेट्रोलियम कंपनियां एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (2024-25) में 971 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीद करेंगी। इसमें से 391 करोड़ लीटर की खरीद चीनी उद्योग से की जाएगी, जिसमें गन्ने के जूस से सीधे बनने वाला एथेनॉल और बी हैवी मोलेसेज तथा सी हैवी मोलेसेज से बनने वाला एथेनॉल शामिल है। बाकी 574 करोड़ लीटर की आपूर्ति खाद्यान्न से बनने वाले एथेनॉल से होगी।

पेट्रोलियम कंपनियां 2024-25 में चीनी उद्योग से 391 करोड़ लीटर एथेनाल खरीदेंगी

पेट्रोल में एथेनॉल ब्लैंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) के लिए पेट्रोलियम कंपनियां एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (2024-25) में 971 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीद करेंगी। इसमें से 391 करोड़ लीटर की खरीद चीनी उद्योग से की जाएगी, जिसमें गन्ने के जूस से सीधे बनने वाला एथेनॉल और बी हैवी मोलेसेज तथा सी हैवी मोलेसेज से बनने वाला एथेनॉल शामिल है। बाकी 574 करोड़ लीटर की आपूर्ति खाद्यान्न से बनने वाले एथेनॉल से होगी।

उद्योग सूत्रों के मुताबिक गन्ने के जूस बनने वाले एथेनॉल की मात्रा 233 करोड़ लीटर है। इसके अलावा बी हैवी मोलेसेज से बनने वाले एथेनॉल की मात्रा 147 करोड़ लीटर और सी-हैवी मोलेसेज से बनने वाले एथेनॉल की मात्रा 11 करोड़ लीटर तय की गई है। 

सबसे अधिक एथेनॉल की आपूर्ति मक्का से बनने वाले एथेनॉल के लिए तय की गई है। इसके लिए 474 करोड़ लीटर की मात्रा तय की गई है। यह चीनी उद्योग द्वारा आपूर्ति किये जाने वाले एथेनॉल से अधिक है। वहीं डेमेज ग्रेन जिसमें मुख्य रूप से चावल होता है, उससे बनने वाले एथेनॉल की मात्रा 100 करोड़ लीटर तय की गई है। इस तरह से खाद्यान्न से बनने वाले एथेनॉल की कुल मात्रा 574 करोड़ लीटर रखी गई है। 

उद्योग सूत्रों के मुताबिक सरकार चालू गन्ना पेराई सीजन (2024-25) में 40 से 45 लाख टन चीनी का उपयोग एथेनॉल के उत्पादन में करने की अनुमति दे सकती है। 

मक्का के लिए जो लक्ष्य रखा गया है वह बहुत व्यावहारिक नहीं है। मक्का उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा पोल्ट्री फीड और पशुचारा में इस्तेमाल होता है। ऐसे में मक्का से अगर एथेनॉल के लिए तय लक्ष्य को पूरा किया जाता है तो मक्का आयात की स्थिति पैदा हो सकती है। पिछले साल, 2023-24 में देश में कुल 376.65 लाख टन मक्के का उत्पादन हुआ था। वहीं 2022-23 में उत्पादन 380.85 लाख टन और उसके पहले साल 2021-22 में 337.30 लाख टन रहा था।

पिछले दो साल में मक्का की कीमतों में सुधार हुआ है। इस साल अधिकांश समय मक्का की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक रही और एथेनॉल उत्पादकों से मांग बढ़ने के चलते कीमतें 2800 रुपये प्रति क्विटंल तक पहुंच गईं। मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023-24 में 2090 रुपये प्रति क्विंटल था। वर्ष 2024-25 के लिए इसे 135 रुपये बढ़ा कर 2225 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

कीमतों में बढ़ोतरी के चलते पोल्ट्री उद्योग की मांग पर पशुपालन मंत्रालय की सचिव अल्का उपाध्याय ने 30 लाख टन मक्का आयात की सिफारिश कर दी थी। हालांकि यह आयात नहीं हुआ, लेकिन आने वाले दिनों में इस तरह की मांग दोबारा उठ सकती है। वैसे उद्योग सूत्रों का कहना है कि मक्का के लिए तय लक्ष्य व्यावहारिक नहीं है। 

Subscribe here to get interesting stuff and updates!