अगर केंद्र नहीं तो राज्य सरकार दें एमएसपी की कानूनी गारंटी: MSP गारंटी मोर्चा
मंगलवार को एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के राज्यों कॉर्डिनेटरों की बैठक नई दिल्ली में हुई, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से किसान नेता शामिल हुए।

एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने अनाज, फल-सब्जियों और दूध सहित सभी कृषि उत्पादों पर MSP गारंटी की मांग उठाई है। साथ ही यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार इस मामले को लटकाना चाहती है कि तो राज्य सरकारों को अपनी तरफ से एमएसपी की कानूनी गारंटी देनी चाहिए। मंगलवार को एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के राज्यों कॉर्डिनेटरों नई दिल्ली में की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न राज्यों से किसान नेता शामिल हुए।
एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने मांग की है कि अगर केंद्र सरकार एमएसपी के मुद्दे को लटकाना चाहती है तो राज्य सरकारों को एमएसपी गारंटी देने का अधिकार दे। क्योंकि कुछ राज्य सरकारों द्वारा एमएसपी पर दाना-दाना खरीदने का प्रचार किया जा रहा है, ऐसे में अगर विपक्ष की राज्य सरकारें एमएसपी की गारंटी देती हैं तो अन्य सरकारें भी यह मांग पूरी करने को मजबूर होंगी। मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस पर बहुत खर्च आएगा, यह सरासर गलत है।
मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक सरदार वीएम सिंह ने कहा कि MSP के मुद्दे को लेकर पूरनपुर, पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) से 20 अक्टूबर 2000 को आंदोलन शुरू हुआ था। तब से एमएसपी के मुद्दे पर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई। इसी का नतीजा था कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार पूरे यूपी में धान खरीद की मॉनिटरिंग शुरू हुई। कोर्ट के माध्यम से खरीद के मापदंड बनाए गए। लेकिन कोरोना में उनके बीमार पड़ने के कारण कोर्ट में मजबूती से पैरवी नहीं हो पायी।
वीएम सिंह ने बताया कि किसान आंदोलन के ऐलान के बाद 30 सितंबर, 2020 को सरकार के बुलावे पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के 5 सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता की थी। इस बैठक में उन्होंने राजू शेट्टी द्वारा संसद में पेश किए प्राइवेट मेंबर बिल की कॉपी मंत्रियों को देते हुए इसे या इसमें संशोधन कर लागू करने की मांग की थी। क्योंकि इससे तीनों कृषि कानून निष्प्रभावी हो जाते। लेकिन तब उनकी इसी बात के लिए आलोचना हुई कि वे एमएसपी की बात करते हैं, लेकिन आज हर किसान नेता एमएसपी की बात कर रहा है।
पंजाब में एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर चल रहे आंदोलन के बारे में वीएम सिंह ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन के बाद 12 जनवरी को चंडीगढ़ में आंदोलनकारी किसान नेताओं की MSP गारंटी किसान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई थी। हमने उनसे कहा कि हमारे सभी किसान संगठन आपको बिना शर्त समर्थन को तैयार हैं, लेकिन मुद्दा सिर्फ एक हो - MSP गारंटी कानून!
एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने मांग की है कि आंदोलकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच 19 मार्च की होने वाली मीटिंग कैमरे के सामने (In-Camera) कराई जाए। ताकि देश के किसानों को सरकार की नीयत पर भरोसा हो सके।
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार किसानों को MSP की गारंटी क्यों नहीं दे रही है, जबकि यही सरकार उद्योगपतियों को गारंटी दे चुकी है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव 2400- 2500 रुपये प्रति कुंतल था, तब उद्योगपतियों को न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) इसी सरकार ने दिया था।
बैठक में उत्तर प्रदेश से बलराज भाटी व रोहित जाखड़, केरल से पीवी राजगोपाल, तमिलनाडु से श्री गुरुस्वामी, बिहार से छोटेलाल श्रीवास्तव, उत्तराखंड से भोपाल चौधरी, हिमाचल प्रदेश से संजय सिंह, हरियाणा से जगबीर सिंह, पंजाब से जसकरण सिंह, मध्यप्रदेश से केदार सिरोही, शिलांग से कमांडर शांगपलियांग, जम्मू कश्मीर से यावर मीर, छत्तीसगढ़ से राजाराम त्रिपाठी आदि किसान नेता शामिल हुए। देश भर से कई नेता वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रेस से जुड़े।