एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को लिखा पत्र
एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की मांग की है। संगठन ने प्रधानमंत्री से आगामी संसद सत्र में एमएसपी गारंटी से संबंधित बिल पेश करने की मांग की है, जबकि राहुल गांधी से इंडिया गठबंधन वाले राज्यों में इस कानून को लागू कराने के लिए कहा है
एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा (एमएसपी जीकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून बनाने की मांग की है। मोर्चा ने प्रधानमंत्री से आगामी संसद सत्र में एमएसपी गारंटी से संबंधित बिल पेश करने की मांग की है, जबकि राहुल गांधी से इंडिया गठबंधन वाले राज्यों में इस कानून को लागू कराने के लिए कहा है।
एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा की दिल्ली में बुधवार को बैठक हुई, जिसमें देश भर के किसान संगठनों के करीब 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री और राहुल गांधी को लिए पत्र जारी किये गये।
मोर्चा के अध्यक्ष वी एम सिंह द्वारा लिखे गये पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाया गया है कि वर्ष 2011 में जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून लाने की सिफारिश की थी। अब जब वह खुद प्रधानमंत्री हैं, तो इस कानून को लागू करना उनका कर्तव्य है।
राहुल गांधी को लिखे पत्र में वीएम सिंह ने अपील की है कि वे सरकार को इस दिशा में कदम उठाने के लिए मजबूर करें और इंडिया गठबंधन की राज्य सरकारों द्वारा भी एमएसपी गारंटी बिल लाने की प्रक्रिया को शुरू करें।
वीएम सिंह ने कहा कि किसानों की स्थिति सुधारने के लिए जल्दी से जल्दी कदम उठाने की जरूरत है। ये वही किसान हैं जिन्होंने कोरोना काल में देश को पर्याप्त भोजन प्रदान किया। इसलिए हमें उनकी स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, 2018 में कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित राउंड टेबल में विभिन्न पार्टियों ने इस कानून की आवश्यकता पर सहमति का भी उल्लेख पत्र में किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार उद्योगपतियों और चीनी मिल मालिकों के लिए एमएसपी की गारंटी दे सकती है, तो किसानों को समान सुरक्षा क्यों नहीं दी जा सकती। जब सरकार चीनी मिलों का एमएसपी बाजार मूल्य से अधिक तय कर सकती है। पेट्रोलियम कंपनियों को वैश्विक कीमतों में कमी के बाद भी अधिक कीमत दे सकती है तो किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम के लिए कानूनी गारंटी क्यों नहीं दे सकती है।
पत्र में कहा गया है कि किसानों को उनकी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी मिलने पर उन्हें प्रति एकड़ 10,000 रुपये से अधिक का अतिरिक्त लाभ होगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।