आज की प्रमुख चुनावी खबरेंः कांग्रेस में लौटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, राजीव चंद्रशेखर के हलफनामे की जांच
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनकी पूर्व विधायक पत्नी प्रेमलता मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में आ गईं। करीब एक महीने पहले वीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे। बृजेंद्र सिंह हरियाणा के हिसार से सांसद हैं। किसान नेता सर छोटू राम के नाती 78 वर्षीय वीरेंद्र सिंह ने साल 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनकी पूर्व विधायक पत्नी प्रेमलता मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में आ गईं। करीब एक महीने पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे। बृजेंद्र सिंह हरियाणा के हिसार से सांसद हैं। किसान नेता सर छोटू राम के नाती 78 वर्षीय चौधरी बीरेंद्र सिंह ने साल 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे स्टील मंत्री थे। उनके पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय का भी प्रभार था। कांग्रेस में लौटने के बाद उन्होंने कहा कि यह मेरी सिर्फ घर वापसी नहीं बल्कि विचार वापसी भी है। अगर हमें लोकतंत्र को बचाना है तो हमें इस सरकार के खिलाफ आवाज उठानी पड़ेगी। देश का मूड बदल रहा है और इसकी वजह सरकार की गलत नीतियां हैं।
सीबीडीटी करेगी राजीव चंद्रशेखर के हलफनामे की जांच
कांग्रेस पार्टी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग में मंगलवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के हलफनामे की जांच करने का आदेश दिया है। राजीव चंद्रशेखर तिरुवनंतपुरम से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। हलफनामे में उन्होंने वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्सेबल इनकम सिर्फ 680 रुपए दिखाई है। कांग्रेस ने मंगलवार को इस सिलसिले में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि केंद्रीय मंत्री ने अपने गलत जानकारी दी है। कांग्रेस का कहना था कि यह भारतीय दंड संहिता और जनप्रतिनिधि कानून 1951 का उल्लंघन है। नियम के अनुसार चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को अपनी और अपनी पत्नी/पति की टैक्सेबल इनकम, चल-अचल हर तरह की संपत्ति और देयताओं की जानकारी देनी पड़ती है।
ए.के. एंटनी ने लोगों से अपने बेटे को हराने का किया आह्वान
अपनी पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी ने पथनमथित्ता लोकसभा सीट पर अपने बेटे अनिल एंटनी की हार की बात कही है। अनिल एंटनी भाजपा से इस सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ए के एंटनी ने कहा कि उनके बेटे की पार्टी को इस सीट पर हर मिलनी चाहिए और बेटे के प्रतिद्वंद्वी तथा कांग्रेस प्रत्याशी एंटो एंटनी को जीत मिलनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं के बच्चों के भाजपा में जाने को उन्होंने गलत बताया। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लगातार मोदी, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि जनता केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के आरोपों को गंभीरता से लेगी। हर दिन इंडिया गठबंधन आगे बढ़ रहा है और भाजपा नीचे जा रही है। मेरे विचार से हमारे लिए सरकार बनाने का यह अच्छा मौका है। अनिल एंटनी ने पिछले साल भाजपा में चले गए थे। केरल में 26 अप्रैल को मतदान होना है।
महाराष्ट्र में अघाड़ी के बीच मतभेद खत्म, सांगली से उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी के बीच कुछ सीटों पर चल रही रस्साकशी खत्म हो गई है। सांगली लोक सभा सीट से शिवसेना उद्धव ठाकरे के टिकट पर चंद्रहार पाटिल चुनाव लड़ेंगे। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद संजय काका पाटिल से होगा। कांग्रेस ने भिवंडी सीट भी छोड़ दी है। इस सीट पर शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। महा विकास अघाड़ी ने राज्य में 21-17-10 का फार्मूला अपनाया है। अर्थात 21 सीटों पर शिवसेना उद्धव ठाकरे की पार्टी, 17 सीटों पर कांग्रेस और 10 पर एनसीपी शरद पवार की पार्टी चुनाव लड़ेगी। शिवसेना और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी के बाद मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंद्रहार पाटिल के नाम का ऐलान किया गया। इससे पहले शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने सांगली में चंद्रहार पाटिल को प्रत्याशी बनाने का ऐलान कर दिया था। तब कांग्रेस ने उसका विरोध करते हुए कहा था कि यह पारंपरिक रूप से उसकी सीट रही है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वसंत दादा पाटिल के पोते विशाल पाटिल के नाम का ऐलान किया था।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा एक राजनीतिक घटना थीः जयराम रमेश
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर आमंत्रण अस्वीकार करने का बचाव किया है। यह आयोजन 22 जनवरी को हुआ था। जयराम रमेश ने कहा कि वह एक राजनीतिक घटना थी जिसे एक राजनीतिक व्यक्ति के लिए आयोजित किया गया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। एक साक्षात्कार में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा धर्म का राजनीतिकरण कर रही है। इस तरह वह राजनीति के साथ धर्म को भी नीचे लेकर जा रही है। भाजपा राम की व्यापारी है जबकि कांग्रेस सदस्य भगवान राम के पुजारी हैं। छत्तीसगढ़ में सोमवार को एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मुद्दा उठाते हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग न लेने के कांग्रेस नेताओं के फैसले की आलोचना की थी। कांग्रेस ने उस समय एक बयान जारी कर कहा था कि यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम है।