तीन नई सहकारी समितियों के दिल्ली में नए कार्यालय भवन का उद्घाटन
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि इन तीन समितियों के माध्यम से आने वाले दिनों में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट, बीज संरक्षण और संवर्धन और एक्सपोर्ट के क्षेत्र में सभी गैप्स को भरने में सफलता मिलेगी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नई दिल्ली में तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों - भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) के नए कार्यालय भवन का उद्घाटन किया।
इस अवसर अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि तीन कोऑपरेटिव्स के नए कार्यालय के उद्घाटन के रूप में एक बहुत बड़े काम का बीज बोया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि की कल्पना के साथ हम आगे बढ़े हैं। 31 हज़ार वर्गफीट क्षेत्रफल वाले इस कार्यालय में इन समितियों का मुख्यालय शुरू होने जा रहा है। ये तीनों समितियां किसानों की अलग –अलग प्रकार की ज़रूरतों को पूरा करने वाली हैं।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि बहुत कम समय में हमने तीनों समितियों को बनाने के लिए देश की प्रमुख सहकारी समितियों, अमूल, नेफेड, एनसीसीएफ, इफ्को, कृभको, एनडीडीबी और एनसीडीसी को इनके मूल प्रमोटर के रूप में एकत्रित किया और इन सभी संस्थाओं ने मिलकर इन तीनों समितियों को स्थापित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड को कोऑपरेटिव समितियों से लगभग 7,000, ऑर्गेनिक लिमिटेड को 5,000 औऱ बीज सहकारी समिति को 16,000 सदस्यता आवेदन मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि काम का दायरा कितना बढ़ा है।
अमित शाह ने कहा कि अगले 5 साल में निर्यात कोऑपरेटिव सोसाइटी के टर्नओवर को सालाना एक लाख करोड़ रूपए तक पहुचाएंगे। निर्यात में फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित कर दलहन के आयात की कमी को भी इसी माध्यम से पूरा किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की गई है कि कम से कम 50% मुनाफा PACS के माध्यम से सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाए। शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि इन तीन समितियों के माध्यम से आने वाले दिनों में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट, बीज संरक्षण और संवर्धन और एक्सपोर्ट के क्षेत्र में सभी गैप्स को भरने में सफलता मिलेगी।
प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए अमित शाह ने कहा कि पिछले 3 साल में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों की संख्या में 7 गुना वृद्धि हुई है, जो बताता है कि ये प्रयोग सफल रहा है। अगले 5 साल में देश का एक भी जिला ऐसा नहीं होगा जहां ऑर्गेनिक भूमि और प्रोडक्ट का परीक्षण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जहां ऑर्गेनिक उपज ज़्यादा है वहां तक इस प्रक्रिया को ले जाकर और इसे किसानों को उपलब्ध करा कर उत्पाद को सर्टिफाइड कर बाजार का मुनाफा उस तक पहुंचने का काम करेंगे।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने बीज सहकारी लिमिटेड के लिए 5 वर्ष में 10 हज़ार करोड़ रूपए से ज्यादा टर्नओवर का लक्ष्य तय किया है। 2030 तक ऑर्गेनिक्स भारत के घरेलू बाजार में 50% से ज्यादा हिस्सेदारी रखेगा। आज वैश्विक ऑर्गेनिक बाजार लगभग 10 लाख करोड़ रूपए का है और इसमें भारत का निर्यात 7 हज़ार करोड़ रूपए है, जिसे बढ़ाकर हम 70 हज़ार करोड़ रूपए तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक कृषि उपज बाज़ार 2155 अरब डॉलर है और इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 45 अरब डॉलर है, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने तय किया है कि 2030 तक एक बड़ी छलांग लगाकर इसे 115 अरब डालर तक पहुंचाएंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा और डॉ. आशीष कुमार भूटानी, सचिव, सहकारिता मंत्रालय के साथ-साथ NCEL, NCOL और BBSSL के अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।