केंद्र ने एथेनॉल उत्पादकों के लिए एफसीआई चावल का रेट घटाकर 2,250 रुपये किया

खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, खुले बाजार बिक्री योजना-घरेलू (ओएमएसएस-डी) के तहत एथेनॉल डिस्टिलरी 24 लाख टन तक चावल की खरीद 2250 रुपये की आरक्षित दरों पर कर सकती हैं।

केंद्र ने एथेनॉल उत्पादकों के लिए एफसीआई चावल का रेट घटाकर 2,250 रुपये किया

केंद्र सरकार ने राज्यों और एथेनॉल उत्पादकों के लिए एफसीआई के चावल का आरक्षित मूल्य 550 रुपये घटाकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यह रेट वर्ष 2024-25 के लिए सरकार द्वारा निर्धारित कॉमन ग्रेड धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2300 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम है। 

सरकार के इस कदम को अनाज से एथेनॉल बनाने वाली डिस्टलरी के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है! इससे देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलने की संभावना है। ओएमएसएस की यह नीति 30 जून, 2025 तक लागू रहेगी।

खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, खुले बाजार की बिक्री योजना-घरेलू (ओएमएसएस-डी) के तहत राज्य सरकारें और राज्य सरकारों के निगम एफसीआई से 12 लाख टन तक चावल की खरीद 2250 रुपये की आरक्षित दरों पर करेंगे। इसके लिए ई-नीलामी में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी। जबकि एथेनॉल डिस्टिलरी 24 लाख टन तक चावल की खरीद 2250 रुपये की आरक्षित दरों पर कर सकेंगी। इससे पहले ओएमएसएस के तहत एथेनॉल उत्पादकों के लिए चावल का आरक्षित मूल्य 2800 रुपये प्रति क्विंटल था।

मंत्रालय के मुताबिक, एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 110 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति के लिए तीसरे चक्र की निविदा में एफसीआई चावल का उपयोग किया जाएगा। जिसमें यथा संभव पुराने चावल के स्टॉक को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। निजी व्यापारी और सहकारी समितियां एफसीआई से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से चावल प्राप्त करते रहेंगे।

नैफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसी केंद्रीय सहकारी संस्थाओं को 'भारत' ब्रांड के तहत बिक्री के लिए 2,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीदना होगा। निजी मिल मालिकों को 'भारत' ब्रांड चावल की बिक्री की अनुमति नहीं है, लेकिन छात्रावासों, धार्मिक संस्थानों, अस्पतालों और धर्मार्थ संगठनों को इसकी अनुमति दी गई है। 

केंद्र सरकार ने 2023 में एथेनॉल डिस्टलरी को चावल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसे अगस्त, 2024 में हटाया गया। तब सरकार ने केंद्रीय पूल से 23 लाख टन चावल खरीद की अनुमति दी थी। लेकिन ऊंची कीमतों के कारण एथेनॉल निर्माताओं से ओएमएसएस के तहत चावल की खरीद में दिलचस्पी नहीं दिखाई। केंद्रीय पूल में चावल के अधिक भंडार और ओएमएसएस के तहत कम बिक्री को देखते हुए केंद्र सरकार ने नीति में संशोधन किया है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। गत दिसंबर में एथेनॉल मिश्रण 18.2 प्रतिशत तक पहुंच गया जो अब तक का सर्वाधिक है। मंत्रालय का कहना है कि ओएमएसएस नीति का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा को बढ़ाना, राज्यों को उनके दायित्वों को पूरा करने और एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करना है।

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