देश के चीनी उत्पादन में 6.95 लाख टन की गिरावट का अनुमान, चीनी उत्पादन 333 लाख टन रहेगा
इंडियन शुगर मिल्स एंड बॉयो इनर्जी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार शुगर सीजन 2024-25 में चीनी उत्पादन में करीब सात लाख टन चीनी उत्पादन गिरावट का अनुमान है। जो चालू सीजन के मुकाबले करीब दो फीसदी कम है। इस्मा के मुताबिक जून 2024 के अंत में प्राप्त सैटेलाइट सर्वे के आधार पर भारत में गन्ने का रकबा 56.08 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है जो चालू शुगर सीजन 2023-24 में रहे 59.44 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में छह फीसदी कम है।
इस्मा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शुगर सीजन 2024-25 में भारत का कुल चीनी उत्पादन 333 लाख टन (एथेनॉल के लिए डाइवर्जन के बिना) रहने का अनुमान है। जबकि चालू शुगर सीजन 2023-24 में देश का चीनी उत्पादन 339.95 लाख टन (एथेनॉल के लिए डाइवर्जन के बिना) रहने का अनुमान है। इस प्रकार चालू शुगर सीजन के मुकाबले अगले सीजन में देश का चीनी उत्पादन 6.95 लाख टन यानी करीब दो फीसदी घट सकता है।
उत्तर प्रदेश में गन्ने की मौजूदा फसल की स्थिति मजबूत बनी हुई है। इस्मा के अनुसार, अगले सीजन में यूपी में गुड़ और खांडसारी इकाइयों में गन्ने की खपत का रुझान पिछले वर्ष की तुलना में कम रहने की उम्मीद है, जिससे चीनी उत्पादन में सकारात्मक योगदान मिलेगा।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के गन्ना क्षेत्र में क्रमशः लगभग 13 फीसदी और 8 फीसदी की कमी आई है। जिसका मुख्य कारण पिछले वर्ष प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में कम वर्षा है। हालांकि, चालू वर्ष में अच्छी बारिश हुई है, जो सामान्य से लगभग 30 फीसदी अधिक है, तथा शेष मानसून के लिए सकारात्मक पूर्वानुमान है। इससे गन्ना उत्पादकता और चीनी रिकवरी में वृद्धि का अनुमान है, जिससे गन्ना क्षेत्र में कमी के प्रभाव को कम किया जा सकेगा। परिणामस्वरूप, इन दोनों राज्यों में कुल चीनी उत्पादन में केवल 3-5 फीसदी गिरावट की उम्मीद है।
इस्मा के अनुमानों के अनुसार, आगामी शुगर सीजन 2024-25 की शुरुआत में 1 अक्टूबर, 2024 को देश में चीनी का ओपनिंग स्टॉक 90.5 लाख टन रहेगा। सीजन के दौरान कुल 333 लाख टन चीनी उत्पादन (एथेनॉल के लिए डाइवर्जन के बिना) समेत देश में चीनी की कुल उपलब्धता 423.5 लाख टन रहने का अनुमान है। देश में 290 लाख टन की घरेलू खपत और 55 लाख टन के नॉर्मेटिव स्टॉक के अलावा भी अगले सीजन के अंत तक करीब 78.50 लाख टन चीनी का अतिरिक्त स्टॉक बचेगा।
इस्मा का कहना है कि देश में चीनी का अतिरिक्त स्टॉक 2024-25 सीजन में एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम और चालू सत्र में निर्यात के लिए पर्याप्त होगा, जिससे संतुलित चीनी बाजार बनेगा।