अब मछली पालन पर उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस, 100 दिनों में किसानों को 20 करोड़ मछली के बीज वितरित करेगी
आदित्यनाथ सरकार अपनी दूसरी पारी में रोजगार के अवसर के तौर पर लघु और छोटी औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा दे रही है। इसी योजना के तहत मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें कम पूंजी में अधिक मुनाफा कमाने की संभावना होती है। इस योजना के तहत अच्छी क्वालिटी के मछली बीज उत्तर प्रदेश फिशरीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित हैचरी के किसानों के साथ-साथ निजी हैचरी चलाने वालों को भी दिए जाएंगे
फिशरीज यानी मछली पालन को बढ़ावा देकर और रोजगार के नए अवसर पैदा करके नीली क्रांति लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार मछली के 20 करोड़ बीज वितरित करने की योजना बना रही है। यह बीज उन लोगों को वितरित किए जाएंगे जो मछली पालन कर रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने रूरल वॉयस को बताया कि यह कार्य अगले 100 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार अपनी दूसरी पारी में रोजगार के अवसर के तौर पर लघु और छोटी औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा दे रही है। इसी योजना के तहत मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें कम पूंजी में अधिक मुनाफा कमाने की संभावना होती है। इस योजना के तहत अच्छी क्वालिटी के मछली बीज उत्तर प्रदेश फिशरीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित हैचरी के किसानों के साथ-साथ निजी हैचरी चलाने वालों को भी दिए जाएंगे।
इस योजना से प्रदेश में मछली उत्पादन काफी बढ़ने की संभावना है और साथ ही बड़े पैमाने पर किसानों को आजीविका का साधन भी मिलेगा। इसके अलावा सरकार रिवर रैंचिंग को भी प्रमोट करेंगी जिसके तहत विभिन्न प्रजाति की मछलियों के 5 लाख बच्चे नदी में छोड़े जाएंगे। इससे नदी में मछलियों की संख्या बढ़ेगी और मछुआरा समुदाय को आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सरकार विभिन्न तालाबों के पानी और मिट्टी के करीब 4000 सैंपल एकत्र करके उनका परीक्षण करेगी। इस परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे। राज्य सरकार की योजना 750 हेक्टेयर अतिरिक्त जलीय क्षेत्र को फिशरीज में शामिल करने की है। मछलियों के बीज ग्राम सभा के आवंटित तालाबों और निजी तालाबों में जमा किए जाएंगे।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में आलू की खेती को बढ़ावा
मछली पालन के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार पूर्वी क्षेत्र में आलू की खेती को भी बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए कुशीनगर में आलू पर एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला जाएगा। यहां से किसानों को उच्च क्वालिटी के आलू के बीज मुहैया कराए जाएंगे। इससे भी किसानों को बागवानी फसलों में तथा अपनी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए वर्कशॉप भी आयोजित करेगा। इसमें कृषि विशेषज्ञ रहेंगे जो किसानों को उनकी समस्याओं के व्यवहारिक समाधान बताएंगे, जैसे कम पानी में ज्यादा उत्पादन कैसे हासिल किया जा सकता है।
2024 के आम चुनाव में अब सिर्फ 2 साल रह गए हैं और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी उससे पहले खेती पर फोकस करना चाहती है। इसलिए खेती में भी अलग अलग क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं। इन योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त फंड भी मुहैया कराया जा रहा है।