हरियाणा-पंजाब में धान खरीद का मुद्दा गरमाया, किसानों ने किया चक्का जाम
धान खरीद के मुद्दे पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने पंजाब में कई जगह विरोध-प्रदर्शन और चक्का जाम किया। राइस मिलर्स और आढ़तियों ने भी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया।
इस साल जहां एक तरफ धान की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गई हैं, वहीं हरियाणा और पंजाब में धान की धीमी खरीद और उठान में देरी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। मंडियों में धान के ढेर लगे हैं जबकि उठान की प्रक्रिया काफी धीमी है। चावल के निर्यात पर लगी पाबंदियों और खरीफ सीजन की तैयारियों में अव्यवस्था के चलते यह स्थिति पैदा हुई है।
धान खरीद के मुद्दे पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने पंजाब में कई जगह विरोध-प्रदर्शन और चक्का जाम किया। राइस मिलर्स और आढ़तियों ने भी किसानों के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया। धान खरीद में दिक्कतों को लेकर पंजाब के विभिन्न जिलों में किसान 12 से तीन बजे तक सड़कों और रेलवे ट्रैक पर डटे रहे। जिससे यातायात ठप रहा और कई ट्रेनें प्रभावित हुईं।
किसानों की मांग है कि खरीद में तेजी लाई जाए और जो धान मंडियों में पड़ा है उसके उठान की व्यवस्था हो। उधर, शैलर संचालकों की मांग है कि गोदामों में रखे पिछले साल के गेहूं और धान को जल्द उठाया जाए। विरोध-प्रदर्शन में बीकेयू उगराहां, बीकेयू कादियान, बीकेयू डकौंदा, बीकेयू राजेवाल, बीकेयू दोआबा सहित कई किसान संगठन शामिल हुए।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि अगर किसानों की मांगें न मानी तो और बड़े आंदोलन का ऐलान करेंगे। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा किसानों को अनाज मंडियों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या धान की लिफ्टिंग को लेकर सामने आ रही है, क्योंकि प्रदेश के अधिकतर गोदामों में अनाज भरा हुआ है। मंडियों में धान पहुंच रहा है लेकिन उठान नहीं हो रही। इस कारण खेतों में धान की कटाई में भी देरी हो रही है।
अब तक कितनी खरीद
एक अक्टूबर से शुरू हुए खरीफ मार्केटिंग सीजन में अब तक पंजाब में लगभग 4.5 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। इस साल पंजाब में 185 लाख टन और हरियाणा में 60 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य है। हरियाणा में करीब 20 लाख टन धान मंडियों में पहुंच चुका है जिसमें से 13 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद हुई है लेकिन मंडियों से उठान लगभग 4.5 लाख टन धान का हुआ। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कई विधायकों ने अनाज मंडियों में धान खरीद का निरीक्षण किया और अधिकारियों को उठान में तेजी लाने के निर्देश दिये।
अनाज मंडियों धान से अटी
इस बार मानसून के लौटने में देरी और पिछले दिनों हुई बारिश के कारण धान की पकी फसल भीग गई। नमी वाले धान को बेचने में किसानों को दिक्कतें आ रही हैं। किसानों को खेत खाली कर रबी की बुवाई करनी है इसलिए मंडियों में धान बेचने के लिए किसानों की लाइनें लगी हैं। लेकिन सुस्त उठान के चलते अनाज मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। रविवार को हरियाणा की कई मंडियों में धान की खरीद बंद रही ताकि उठान कर जगह खाली की जा सके। इस साल सरकार ने धान का एमएसपी सामान्य किस्म के लिए 2300 रुपये और ए ग्रेड धान का 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन मजबूरी में किसानों को पीआर धान 2100-2200 रुपये के भाव पर बेचना पड़ रहा है।
आढ़ती संगठन के प्रधान मनीष कंबोज का कहना है कि जिस स्पीड से धान आ रहा है, उठान उतनी तेजी से नहीं हो रहा। जो धान शुरू में आया था वह अभी भी मंडियों में भरा हुआ है। शेड भी भरे हुए हैं, सड़कों पर भी धान बिखरा हुआ है। उन्होंने सरकार से अपील की कि धान की लिफ्टिंग में ज्यादा ध्यान दिया जाए।
केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री
राइस मिलर्स और आढ़तियों की समस्याओं को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज यानी सोमवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी से मिलेंगे। आढ़ती अपना कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं वहीं मिलर्स धान की नई फसल के लिए भंडारण का मुद्दा उठा रहे हैं। मिलर्स ने सरकार से मौजूदा स्टॉक को हटाने की मांग की है। शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंडियों में धान की खरीद, उठान और किसानों को किए जा रहे भुगतान का जायजा लिया। मान ने कहा कि मिलर्स और आढ़तियों की मांगें जायज हैं और केंद्र सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।
उधर, शिरोमणि अकाली दल ने चेतावनी दी है कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार 72 घंटे के भीतर मंडियों से धान की खरीद और उठान सुनिश्चित करने में विफल रही तो वह आंदोलन शुरू करेगी।
सुरजेवाला पहुंचे कैथल मंडी
रविवार को राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला और कैथल से नवनिर्वाचित विधायक आदित्य सुरजेवाला ने नई अनाज मंडी पहुंचकर किसानों और आढ़तियों की समस्याएं सुनी। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का किसान, आढ़ती और मजदूर धान खरीद में धांधली और कुप्रबंधन से पीड़ित है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा किसानों से 3100 रुपये के रेट पर धान खरीद के वादे को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि न तो भाजपा सरकार धान की खरीद कर रही है और न ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है। 1509 किस्म का सुपीरियर क्वालिटी का धान भी पूरी तरह से पिट गया है। हजारों करोड़ का नुकसान किसान झेल रहा है।
निर्यात पाबंदियां हटने के बाद भी नहीं बढ़ा भाव
पिछले महीने चावल निर्यात पर लगी पाबंदियां हटने के बाद भी धान का भाव पिछले साल से काफी कम है। हरियाणा की पानीपत मंडी में 1509 बासमती धान का भाव 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है जबकि पिछले साल यह 3500 रुपये से अधिक था। निर्यात पाबंदियां हटने के बाद भी 1509 किस्म के बासमती धान का भाव करीब 100 रुपये ही बढ़ा है। इस तरह किसान को पिछले साल के मुकाबले 500-700 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।