उत्तराखंड के गांवों में बेटियों ने उठाया बल्ला, लोकप्रिय हो रहा महिला क्रिकेट
उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में अब महिला क्रिकेट प्रतियोगिताएं आम हो चली हैं। कई जगह लड़कियां अब शौकिया तौर पर क्रिकेट में हाथ आजमा रही हैं
इन दिनों आप उत्तराखंड के किसी भी गांव में नजर दौड़ाएंगे तो एक बदलाव साफ तौर पर नजर आएगा। पहाड़ के गांवों में महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं का चलन जोर पकड़ रहा है। जिसमें बाकायदा प्राइज मनी का इंतजाम होने लगा है।
उत्तराखंड में सर्दियों का सीजन आमतौर पर क्रिकेट प्रतियोगिताओं के नाम रहता है। जहां सीढ़ीदार खेतों पर ‘बकरा’ टूर्नामेंट आयोजित किए जाने का चलन होता है। यानि विजेता टीम को ट्राफी और प्राइज मनी के साथ कुछ जगह ‘बकरा’ भी गिफ्ट किया जाता है।
हर घाटी में इस तरह की कई क्रिकेट प्रतियोगिताएं होती हैं। इन क्रिकेट प्रतियोगिताओं की लोकप्रियता को देखते हुए ही चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता, टूर्नामेंट को स्पांसर करने से लेकर, टीमों को क्रिकेट किट उपहार देने के जतन करते हैं। लेकिन अब इस खेल में महिलाओं की भी एंट्री हो गई है। तकरीबन सभी जगह पुरुष क्रिकेट प्रतियोगिताओं के साथ ही महिला क्रिकेट प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं। जिसमें स्कूल कॉलेजों के साथ ही गांव और क्षेत्र के आधार पर तैयार महिला टीमें भाग ले रही हैं।
थलनदी से लेकर सतपूली तक नई शुरुआत
पौड़ी जिले में यमकेश्वर ब्लॉक के थलनदी में मकर संक्रांति के मौके पर ऐतिहासिक गिंदी मेला लगता है, जिसकी शुरुआत दिसंबर अंत में पुरुष क्रिकेट प्रतियोगिता से होती है। इस बार आयोजन समिति ने पहली बार महिलाओं के लिए भी अलग से टूर्नामेंट आयोजित किया। गिंदी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष सुबोध नेगी बताते हैं कि पहली ही बार में आठ महिला टीमों ने उत्साह पूर्वक प्रतियोगिता में भाग लिया।
इसी तरह पौड़ी जिले में ही द्वारीखाल ब्लॉक के सतपूली में भी तीन जनवरी से महिला क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष मुकेश बहुगुणा कहते हैं कि पुरुषों के लिए तो कई दशकों से प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता रहा है, इसलिए इस बार समिति ने महिलाओं का भी मौका देने का निर्णय लिया। यहां महिला क्रिकेट टूर्नामेंट की विजेता टीम के लिए 15 हजार रुपए की प्राइज मनी भी तय की गई थी। अलबत्ता महिला के मैच अभी लैदर बॉल के बजाय, ज्यादातर जगह टेनिस बॉल से ही किए जा रहे हैं। महिलाओं के पास चूंकि लैदर बॉल खेलने का अनुभव नहीं है।
निकिता और दिव्यांशी के अनुभव
थलनदी महिला क्रिकेट टूर्नामेंट में पहली बार यमकेश्वर इंटर कॉलेज की टीम ने भी भाग लिया। टीम में शामिल डांडा दमराड़ा की दिव्यांशी बड़ोला बताती हैं कि स्कूल पीटीआई अतुल जोशी और प्रिंसिपल मनमोहन रौतेला के प्रोत्साहन से उन्होंने टीम में शामिल होने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय को घर वालों ने भी पूरा समर्थन देते हुए, उन्हें मैच खेलने के लिए थलनदी भेजने की अनुमति दे दी।
इसी टीम की सदस्य यमकेश्वर के जामल गांव की निकिता चौहान बताती हैं कि पहले उन्होंने कभी भी क्रिकेट नहीं खेला था, लेकिन इस प्रतियोगिता से पहले स्कूल की तरफ से उन्हें कुछ दिन का प्रशिक्षण दिया। इस तरह 11 प्लेइंग इलेवन सहित कुल 15 खिलाड़ियों की टीम तैयार हुई। हालांकि उनकी टीम प्रतियोगिता नहीं जीत पाई है लेकिन वो अगली बार बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित हैं।
इस तरह यह साल 2000 में आई आमिर खान की फिल्म लगान की कहानी जैसी लगती है। जिसमें बिना साजो सामान, बुनियादी जानकारी और अनुभव के गांव वालों की एक क्रिकेट टीम तैयार की जाती है जो बाद में इतिहास रच देती है, क्या पता उत्तराखंड की बेटियां भी इसी तरह कोई इतिहास रचने की राह पर हों!
प्रेरणा देती सफल खिलाड़ी
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला क्रिकेट टूर्नामेंट भले ही अब लोकप्रिय हो रहे हों, लेकिन राज्य से इस बीच कई सफल महिला खिलाड़ी निकल चुकी हैं। इनमें से ज्यादातर ने लड़कों के साथ ही किक्रेट के गुर सीखे, बाद में वो भारतीय टीम तक जगह बनाने में सफल रही हैं।
प्रेमा रावत
बागेश्वर जिले की रहने वाली प्रेमा रावत का चयन इसी साल, आगामी वूमन प्रीमियम लीग WPL के लिए हुआ है। प्रेमा WPL में अनकैप्ड इंडियन प्लेयर कैटेगरी में शामिल की गई थी, जिसमें उनका बेस प्राइस 10 लाख रुपए था। लेकिन उन्हें रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (RCB) की टीम ने एक करोड़ 20 लाख रुपए में अपनी टीम में ले लिया।
स्नेह राणा
उत्तराखंड की रहने वाली स्नेह राणा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नियमित सदस्य हैं। स्नेह राणा दाएं हाथ की बल्लेबाज और ऑफब्रेक गेंदबाज हैं। स्नेह ने टेस्ट डेब्यू, 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ किया, जबकि वनडे की शुरुआत 2014 में की। 2024 के क्रिकेट सीजन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए, एक ही पारी में आठ विकेट लेने का रिकॉर्ड कायम किया है।
एकता बिष्ट
पिथौरागढ़ जिले की मूल निवासी एकता बिष्ट दाएं हाथ की मध्यम गति की गेंदबाज और दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं। एकता दो बार आईसीसी महिला विश्व कप और टी- 20 विश्व कप में भी भारत के लिए खेल चुकी हैं । एकता महिला वन-डे में 100 विकेट लेने वाली पहली भारतीय गेंदबाज हैं। एकता को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है। उनके नाम महिला टी 20 वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाली पहली गेंदबाज का भी रिकॉर्ड दर्ज है।