साल 2022 में होने वाले आगामी विधान सभा चुनावों के पहले योगी आदित्यनाथ सरकार पीएम किसान सम्मान योजना पर आधारित कृषि अनुदान की घोषणा कर सकती है जिसमे छोटे और सीमांत किसानों के लिए प्रत्येक वर्ष 6000 रूपये देने का प्रवधान होगा। उत्तर प्रदेश के किसानों को केन्द्र सरकार से मिलने वाले सहायता से यह अतिरिक्त राशि होगी ।
इस घोषणा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच सरकार के प्रति नाराजगी कम हो सकती है क्योंकि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून संसद मे लिए जाने के फैसले से किसानों की नाराजगी भी कम होने की संभावना बनी है। इन कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन में सबसे ज्यादा भागीदारी इस क्षेत्र के किसानों की ही थी और सरकार के प्रति नराजागी भी राज्य के इस हिस्से में ही देखने को मिली थी।
सूत्रों के मुताबिक इस योजना को इसी सप्ताह राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश विधान सभा का शीतकालीन सत्र अब शुरू हो गया है, मुख्यमंत्री द्वारा गुरुवार को अपने सदन के संबोधन में योजना की घोषणा करने की उम्मीद है। राज्य सरकार चालू 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक भी बजट पेश करेगी।
हालांकि उत्तर प्रदेश के कृषि अनुदान की व्यापक रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है और छोटे और सीमांत किसानों को भुगतान 3,600 रुपये से लेकर 6,000 रुपये तक सालना देने की घोषणा की जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में अनुमानित 2.4 करोड़ किसान परिवारों में से 2.15 करोड़ किसान यानी 90 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसानों की श्रेणी से संबंधित हैं, जिनके पास छोटी भूमि जोत और कम कृषि आय पर जीवन यापन करते है। दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य रहा है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले किसानों के बड़े हिस्से के लिए 2018 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना से किसान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राजनीतिक फायदा मिला था और मोदी सरकार की भारी बहुमत के साथ दोबारा सरकार में वापसी हुई थी। 2022 के शुरुआती महीनों में जब राज्य में चुनाव होने हैं, तो योगी सरकार पीएम किसान के जादू को फिर से भुनाने की कोशिश कर रही है।