योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ लेने के तुरंत बाद नौकरशाहों के लिए एक कड़ा संकेत देते हुए एक मंत्र दिया है कि बेहतर प्रदर्शन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
हाल ही में राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में योगी ने कहा कि सरकार को अतिरिक्त प्रय़ास करने की जरूरत है क्योंकि उनका मानना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को राज्य के मतदाताओं ने जिस विश्वास से दोबारा चुना है उनके उस विश्वास को कायम रखने के लिए अब उन्हें अपने खुद के काम से प्रतिस्पर्धा करनी होगी ताकि हम पहले से बेहतर काम कर सकें ।
पिछली योगी सरकार के कई मंत्रियों का इस बार विधायक चुने जाने के बावजुद नई मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया जाना अधिकारियों के लिए एक सीधा संदेश है कि अधिकारियों को सरकार के एजेंडे के प्रति सचेत रहना ही पडेगा ।
इस बार योगी कैबिनेट का गठन 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जातिय औऱ क्षेत्रीय समीकरणों के गणित के आधार पर की गई है । सभी लोग मुख्य मंत्री से यह अपेक्षा कर रहे है कि वह ऐसा रोडमैप तैयार करेगें जिससे सरकार के विभिन्न सेक्टरो में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए एक दूसरे से अच्छा तालमेल हो । इसके साथ ही अच्छा काम करने वाले को प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया जाए। राज्य के विभन्न विभागों पर प्रमुख पदो पर बैठे अक्षम अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है ।
योगी ने एक संक्षिप्त संदेश में कहा कि हमें नागरिकों के प्रति संवेदनशील होना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सरकार की हर नीति के केंद्र में गांव, गरीब, किसान, महिलाएं और युवा बने रहें। उन्होंने शासन में दक्षता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में अंतर-विभागीय समन्वय और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया ।
योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 10 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करें ताकि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाए । इस संबंध में विभाग प्रमुखों को अगले 100 दिन, छह माह और एक साल की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है.। इन योजनाओं को पुन:निरीक्षण और समय पर कार्यान्वयन के लिए यूपी मंत्रिपरिषद के समक्ष पेश किया जाना है। अधिकारियों को 'ई-ऑफिस' के साथ-साथ 'नागरिक चार्टर' को पूरी तरह से लागू करने का भी निर्देश दिया गया है, जिससे एक निश्चित समय सीमा के भीतर सार्वजनिक शिकायतों का समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि अधिकारी 'लोक कल्याण संकल्प पत्र' जो कि भाजपा का चुनाव घोषणापत्र है , उसके प्रत्येक बिंदु को याद रखकर उस दिशा में काम करे जिससे लक्ष्यो को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि चुनाव के पूर्व किए गये सभी वादों को पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास करना होगा।
मुख्य मंत्री ने उत्तर प्रदेश को भारत की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने के अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि इस संकल्प की पूर्ती के लिए अंतर-विभागीय समन्वय स्थापित कर हर स्तर से टीम उत्तरप्रदेश को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है । इस बीच, योगी ने विभिन्न विभागों द्वारा संसाधन जुटाकर और बजट का उपयोग करके राज्य के राजस्व को बढ़ाने पर जोर दिया ।
उन्होंने अधिकारियों से मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पूर्ण बजट की तैयारी शुरू करने को कहा है । योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिसंबर 2021 में 2022-23 के लिए अंतरिम बजट पेश किया गया था क्योंकि उस वक्त कुछ महीनो बाद उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव होने वाले थे। इसके चलते अंतरिम बजट पेश किया गया था ।