साल 2024 के आम चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण इलाकों को प्रदेश के बड़े शहरों से जोड़ने के लिए 750 करोड़ रुपए की मेट्रो बस सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। यह बस सेवा ग्रामीण इलाकों को सीधे दिल्ली और लखनऊ जैसे बड़े शहरों से जोड़ेगी।
इस सेवा के लिए राज्य सरकार ने 1500 बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इन बसों के खरीदने पर 750 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण मेट्रो बस सेवा 6 से 9 महीने में शुरू की जाएगी। इस सेवा को तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
पहले चरण में करीब 900 बसें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में लगाई जाएंगी ताकि वहां के ग्रामीण क्षेत्र को सीधे दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ा जा सके।
दूसरे और तीसरे चरण में 300-300 बसें बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में शुरू की जाएंगी जो गांवों को लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, झांसी जैसे शहरों से जोड़ेंगी। इस नई बस सेवा के लिए अलग बस डिपो तैयार करने का प्रस्ताव है। यात्रा का समय कम करने के लिए नए रूट भी तय किए जाएंगे।
इस समय उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यूपीएसआरटीसी 85 हजार से अधिक गांवों में बस सेवा मुहैया कराता है। इसके बावजूद लगभग 12000 गांव ऐसे हैं जहां बस सेवा नहीं है। प्रस्तावित ग्रामीण मेट्रो बस सेवा के जरिए वित्त वर्ष 2022-23 खत्म होने से पहले इस कमी को दूर करने का लक्ष्य है।