उत्तर प्रदेश सरकार बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सभी 75 जिलों में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (सीओई) और मिनी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (मिनी सीओई) और हाई-टेक नर्सरी की स्थापित करेगी।राज्य ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देकर कृषि आय को दोगुना करने की व्यापक योजना के तहत अगले पांच वर्षों में बागवानी फसलों के रकबे को11.6 फीसदी से बढ़ाकर 16 फीसदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
राज्य में बहराइच, अंबेडकर नगर, मऊ, फतेहपुर, अलीगढ़, रामपुर और हापुड़ जिलों में हाई-टेक नर्सरी पहले से ही चालू हो चुकी हैं. जबकि चंदौली, कौशाम्बी, सहारनपुर, लखनऊ और कुशीनगर में सीओई का निर्माण जारी है। इसी बीच, बस्ती और कन्नौज जिलों में फलों और सब्जियों से संबंधित भारत-इजरायल सीओई स्थापित किया गया है।इसके अलावा, सोनभद्र, मुरादाबाद, आगरा, संत कबीरनगर, महोबा, झांसी, बाराबंकी, लखनऊ, चंदौली, गोंडा, बलरामपुर, बदायूं, फिरोजाबाद, शामली और मिर्जापुर जिले में मिनी सीओई और हाई-टेक नर्सरी निर्माणाधीन हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सरकार ने फलों, सब्जियों और मसालों के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के साथ-साथ अधिक और गुणवत्ताउपज के लिए बागवानी फसलों की खेती के क्षेत्र को 11.6 फीसदी से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।सरकार इन सीओई से अच्छी गुणवत्ता वाले पौधों और बीज की अच्छी उपज लेने की योजना बना रही है । इस कदम के पीछे का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की बढ़ती संख्या मे आपूर्त्ति करना है।
उत्तर प्रदेश ने पिछले पांच वर्षों में फलों और सब्जियों के उत्पादन में 0.7 फीसदी की वृद्धि देखी है, क्योंकि इसकी खेती अतिरिक्त 100,000 हेक्टेयर में हुई है।
जाने माने सब्जी वैज्ञानिक डॉ एस पी सिंह का कहना है कि कृषि आय बढ़ाने का सबसे प्रभावी तरीका है सभी प्रकार के फलों, सब्जियों और मसालों की खेती करना क्योकि राज्य के सभी नौ कृषि-जलवायु क्षेत्रों संपन्न किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि छोटे और सीमांत किसान, की सख्यां 90 फीसदी हैं, यह सभी उपयुक्त जलवायु में विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों और फूलों को उगाकर इस योजना मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। डॉ सिंह के अनुसार वर्तमान में अधिकांश किसान धान, गेहूं और गन्ना जैसी पारंपरिक फसलों की खेती में लगे हुए हैं; हालांकि, उन्हें अधिक वित्तीय लाभ के लिए फल, सब्जियां और फूल उगाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
इसके अलावा, योगी आदित्यनाथ सरकार ऑफ-सीजन सब्जियो को उगाने के लिए इंडो-इज़राइल तकनीक के माध्यम से संरक्षित खेती को बढ़ावा दे रही है।पिछले 5 वर्षों में, फूलों और सब्जियों की उपज बढ़ाने के लिए 177 हेक्टेयर में पॉली हाउस और शेड-नेट का विस्तार किया गया है, जिससे 5,549 किसानो को लाभ मिला है.