उत्तर प्रदेश में बीते दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के दौरान 15 करोड़ लाभार्थियों को दो करोड़ टन मुफ्त अनाज वितरित किया गया। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक महामारी के दौरान लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुफ्त अनाज का वितरण किया गया। यह वितरण राज्य की लगभग 80 हजार उचित मूल्य (राशन) की दुकानों के जरिए किया गया।
उन्होंने बताया कि मुफ्त में दिए गए अनाज तथा अन्य चीजों की कीमत 4500 करोड़ रुपए के आसपास है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जब मार्च 2022 में दूसरी बार सत्ता में आई तो उसने मुफ्त राशन वितरण की योजना तीन महीने के लिए बढ़ा दी थी। इस योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को 35 किलो अनाज के अलावा दालें, चीनी, खाद्य तेल और नमक दिया जाता है। मुफ्त राशन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के पांचवें चरण के तहत वितरित किया जा रहा है।
इस बीच राज्य सरकार ने प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने तथा स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए योजनाओं को गति दी है। मार्च 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था, तब प्रदेश के बाहर रहने वाले अनेक लोग यहां लौट आए थे। राज्य सरकार उन्हें रोजगार मुहैया कराने के साथ मुफ्त अनाज के रूप में मदद करने की कोशिश कर रही है।
बैंकों से लघु एवं छोटे उद्यमियों को आसान शर्तों पर कार्यशील पूंजी का कर्ज देने को कहा गया है। सरकारी और निजी एजेंसियों ने युवाओं के कौशल विकास के कार्यक्रम भी चलाए हैं। उक्त अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लिए जो एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना देखा है, वह तभी पूरा हो सकता है जब एमएसएमई सेक्टर फले-फूले। इससे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी निकलेंगे।