उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में कई महीनों से तेंदुए का आतंक मचा है। आए दिन तेंदुए के हमले हो रहे हैं। किसानों का खेतों पर जाना मुश्किल हो गया है। ऐसी ही एक घटना में खेत पर काम कर रहे किसान पर तेंदुए ने हमला कर दिया। जान बचाने के लिए 55 वर्षीय किसान तेगवीर सिंह नेगी ने बहादुरी संघर्ष किया और लाठी से पीटकर तेंदुए को मार डाला। गंभीर रूप से घायल किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रहा यह मामला बिजनौर जिले के अफजलगढ़ क्षेत्र का है। यह इलाका उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटा है और अक्सर मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर खबरों में रहता है। बुधवार को भिक्कावाला गांव के किसान तेगवीर सिंह नेगी अपने खेत में काम कर रहे थे, तभी तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुए के पंजे से खुद को बचाने के लिए किसान ने खूब हिम्मत दिखाई।
करीब पांच मिनट यह संघर्ष चलता रहा। इस बीच, आसपास के लोग भी वहां पहुंच गये। उन्होंने भी तेंदुए पर लाठी-डंडे बरसाए। लेकिन तेंदुआ किसान को घसीटने लगा। घायल किसान ने पास पड़े एक डंडे से तेंदुए पर ऐसा वार किया कि वो बेदम हो गया। किसान तेगवीर को लहूलुहान हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि तेंदुए की कुछ देर बाद मौत हो गई।
वन दरोगा सुनील राजौरा ने बताया कि जैसे ही तेंदुए ने तेगवीर को झाड़ियों में खींचने की कोशिश की, किसान ने डंडे से उसके सिर पर वार किया। डंडे के वार से तेंदुआ मर गया। हमले में गंभीर रूप से घायल किसान को काशीपुर के एक अस्पताल में ले गए, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। तेगवीर के शरीर पर तेंदुए के पंजे और दांतों के निशान हैं।
घायल किसान तेगवीर सिंह नेगी रिटायर फौजी हैं। जैसे ही तेंदुए ने उन पर हमला किया, वे उससे भिड़ गये और लाठी से पलटवार किया। जब तक आसपास के लोग पहुंचे, तेगवीर बुरी तरह घायल हो चुके थे। लेकिन उन्होंने तेंदुए का डटकर मुकाबला किया।
बिजनौर में मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं लगातार हो रही हैं। पिछले तीन महीने में छह लोगों की मौत तेंदुए के हमले में हो चुकी है जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। किसान वन्य जीवों के हमलों से बचाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।