योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि जातिगत गणित को साधने के लिए उनके दूसरे कार्यकाल के कैबिनेट में तीन उप मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) बनाये जा सकते हैं। आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा दो डिप्टी सीएम बनाये गये थे। आने वाले 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों को देखते हुए जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार भाजपा केंद्र में सत्ता पर काबिज होना चाहेगी तो उसके लिए पार्टी द्वारा राज्य में जाति के जटिल गणित को संतुलित करने के लिए तीन डिप्टी सीएमये जाने के फार्मूले की बात हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित यूपी मंत्रिपरिषद में लगभग 60 सदस्य होंगे जिनमें सीएम, तीन डिप्टी सीएम, 28 कैबिनेट मंत्री और शेष राज्य मंत्री के रूप मे शामिल होंगे।
पूर्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले के सिराथू विधानसभा क्षेत्र से हाल ही में विधानसभा चुनाव हार गए हैं। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले उनको पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिए जाने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने जहां 255 सीटें जीती हैं, वहीं उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) ने 111 सीटों पर कब्जा जमाया है।. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने क्रमश: दो और एक सीट जीती। शेष सीटें अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने जीती हैं।साल 2017 के उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में जब बीजेपी ने जीत हासिल की थी। उस समय केशव प्रसाद मौर्य भाजपा ती उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे। उन्होंने गैर-यादव और अन्य पिछड़ी जातियों को भाजपा की ओर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वास्तव में वह यूपी के सीएम बनने के कतार में सबसे आगे थे लेकिन अंततः आदित्यनाथ से हार गए जो उस समय गोरखपुर के सांसद थे ।
उत्तर प्रदेश में बनने वाली भाजपा सरकार की मंत्रीपरिषद में विभागों के बंटवारे में सभी जातियों और क्षेत्रों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की तैयारी हो रही है। बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी को भी योगी सरकार के कैबिनेट में मंत्री पद का कोटा दिया जाएगा।
इस बीच, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की शानदार जीत के बाद आदित्यनाथ का नई दिल्ली में मोदी सहित बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सरकार बनाने और मंत्रियों के नाम और उनके विभागों को अंतिम रूप देने पर चर्चा परिचर्चा करने का सिलसिला जारी है।
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के एमएलसी, रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट अरविंद शर्मा जो मोदी के करीबी औऱ विश्वासपात्र माने जाते है वह डिप्टी सीएम पद की दौड़ में शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को सत्तारूढ़ भाजपा में संगठनात्मक जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है।
योगी कैबिनेट में अधिकांश वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कैबिनेट में रखे जाने की संभावना है जबकि जो लोग चुनाव हार गए हैं उनको मंत्रीमंडल से बाहर रखा जाएगा इसके सात ही जो मंत्री पद मे रहते हुए अच्छा प्रर्दशन नहीं कर पाए थे उन्हें उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद से बाहर किया जा सकता है और उनकी जगह पर नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।