राजस्थान में उर्वरकों के साथ टैगिंग कर अन्य उत्पाद बेचने वालों दुकानदारों और इनपुट डीलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान की कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने उर्वरकों की मांग, आपूर्ति, उपलब्धता एवं वितरण के संबंध में शुक्रवार को हुई बैठक में विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां किसानों को यूरिया और डीएपी के साथ अन्य उत्पाद जबरन बेचे जा रहे हैं। अगर कोई दुकानदार या इनपुट डीलर ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सभी खाद विक्रेताओं को अपने पास मौजूद स्टॉक और उसकी कीमत की सूची भी दिखानी होगी। यदि कोई शिकायत मिलती है तो एफसीओ, 1985 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कृषि आयुक्त ने अधिकारियों को किसानों को डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट और एनपीके का अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इस साल अच्छे मानसून के कारण रबी फसलों की बुआई के लिए उर्वरकों की मांग बढ़ेगी, लेकिन किसानों की जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। किसानों की मांग के अनुरूप समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
कृषि आयुक्त ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह खाद विक्रेताओं के स्टॉक की जांच करें और सुनिश्चित करें कि कालाबाजारी या जमाखोरी न हो। राज्य के बॉर्डर एरिया से खाद बाहर न जाए, इस पर भी नजर रखें।
बैठक में अतिरिक्त निदेशक कृषि (आदान) डॉ. सुवा लाल जाट, संयुक्त निदेशक कृषि (आदान) लक्ष्मण राम, संयुक्त निदेशक कृषि (गुण नियंत्रण) गजानंद यादव, उप निदेशक कृषि (उर्वरक) बी.एल. कुमावत सहित विभागीय अधिकारी और समस्त अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खण्ड व समस्त संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से उपस्थित रहे।