मध्य प्रदेश में धान, ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए 19 सितंबर से शुरू होगा पंजीकरण

मध्य प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए धान, ज्वार, बाजरा की खरीद के लिए पंजीकरण 19 सितंबर से 4 अक्टूबर तक होगा। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वह समय रहते अपना पंजीकरण करा लें

मध्य प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए किसान पंजीकरण प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया गया है। किसान 19 सितंबर से 4 अक्टूबर तक अपना पंजीकरण कर पाएंगे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि निर्धारित समय में पंजीकरण करा लें, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि किसान पंजीकरण की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। किसान स्वयं के मोबाईल से घर बैठे पंजीकरण कर सकेंगे। किसानों को पंजीकरण केन्द्रों में लाईन लगाकर पंजीकरण कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

पंजीकरण की नि:शुल्क व्यवस्था

राज्य कृषि विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, किसानों के मोबाईल से पंजीकरण करने की सुविधा के अतिरिक्त अन्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई हैं। पंजीकरण की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकरण केन्द्र पर तथा एमपी किसान एप पर भी की गई है।

पंजीकरण की सशुल्क व्यवस्था एमपी ऑनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर की गई है। इन केन्द्रों पर पंजीकरण के लिये शुल्क राशि प्राप्त करने के संबंध में कलेक्टर निर्देश जारी करेंगे। प्रति पंजीकरण के लिये 50 रूपये से अधिक शुल्क निर्धारित नहीं किया जाएगा। किसान पंजीकरण के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज एवं किसान के आधार कार्ड एवं अन्य फोट पहचान पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा। सिकमी/बटाईदार/कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान के पंजीकरण की सुविधा केवल सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्था ‌द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध होगी। इस श्रेणी के शत-प्रतिशत किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा।

अपडेट रखें मोबाईल नंबर और बैंक खाता 

किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान ‌द्वारा पंजीकरण में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीकरण के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। अक्रियाशील बैंक खाते, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीकरण में मान्य नहीं होंगे। पंजीकरण व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें।

सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि जिला और तहसील स्तर पर स्थापित आधार पंजीकरण केन्द्रों को क्रियाशील रखा जाए ताकि किसान वहां जाकर आसानी से अपना मोबाईल नंबर एवं बायोमेट्रिक अपडेट करा सके। इस कार्य के लिए पोस्ट ऑफिस में संचालित आधार सुविधा केन्द्र का भी उपयोग किया जा सकता है। आधार नंबर से बैंक खाता लिंक कराने के लिए बैंकों के साथ भी समन्वय आवश्यक होगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते के सत्यापन के लिए पंजीकरण के दौरान ही 1 रुपये का ट्रांजेक्शन मध्य प्रदेश राज्य आपूर्ति निगम द्वारा ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से कराया जाएगा।

आधार नंबर का वेरिफिकेशन

पंजीकरण कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीकरण केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा।

किसानों को करें एसएमएस

विगत रबी एवं खरीफ के पंजीकरण में जिन किसानों के मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं, उन्हें एसएमएस से सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं। गांव में डोडी पिटवाकर ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर पंजीयन सूचना प्रदर्शित कराने तथा समिति/ मंडी स्तर पर बैनर लगवाने के निर्देश भी दिये गये हैं। किसान पंजीकरण की सभी प्रक्रियाएं समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये हैं।