एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर सभी किसान संगठन एकजुट हैं। किसानों की एकता को कमजोर करने के लिए जानबूझकर सोची-समझी योजना के तहत भ्रामक खबरें फैलाई जाती है। हकीकत यह है कि देश के किसान संगठनों ने अपनी एकजुटता को पहले भी कई बार साबित किया है और आगे भी करेंगे। चाहे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून का मुद्दा हो या किसानों का अन्य कोई मुद्दा हो, सभी किसान संगठन एकमत और एकजुट हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने यह बात कही है। बुधवार को राजाराम त्रिपाठी से मिलने राकेश टिकैत कोंडागांव पहुंचे थे।
दोनों किसान नेताओं की हुई इस मुलाकात में बस्तर के किसानों की जल, जंगल, जमीन सहित अंचल के किसानों की अन्य प्रमुख समस्याओं के साथ-साथ देश के कृषि एवं किसानों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि मौजूदा समय में एमएसपी गारंटी कानून किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा है। डॉ. त्रिपाठी एमएसपी गारंटी कानून के लिए बनाए गए 223 किसान संगठनों के सबसे बड़े मोर्चे "एमएसपी गारंटी-किसान मोर्चा" के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। इसके अध्यक्ष वरिष्ठ किसान नेता सरदार वीएम सिंह हैं। यह पूछे जाने पर कि आप लोगों में आपसी मतभेद की खबरें आती रहती हैं, असल में माजरा क्या है? इस पर उन्होंने कहा कि किसानों की एकता को कमजोर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से ऐसी भ्रामक खबरें फैलाई जाती है। चाहे एमएसपी गारंटी कानून का मुद्दा हो या अन्य कोई मुद्दा, सभी किसान संगठन एकमत तथा एकजुट हैं। राकेश टिकैत ने भी किसान संगठनों की एकता और एकजुटता की पुष्टि करते हुए इस बात पर अपनी मुहर लगाई।
राकेश टिकैत ने कोंडागांव में "मां दंतेश्वरी हर्बल समूह" द्वारा की जा रही जैविक खेती, खासकर ऑस्ट्रेलियन टीक, काली मिर्च एवं औषधीय पौधों की खेती की सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं पहले भी यहां आकर उनके खेत देख चुका हूं और इससे बहुत प्रभावित हुआ हूं। अब हम भी मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के साथ जुड़ कर अपने खेतों में ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च लगाने जा रहे हैं। दरअसल, मौजूदा समय में इस पद्धति की खेती की पूरे देश को जरूरत है।" टिकैत ने कहा कि चाहे कोई भी पार्टी हो, सरकार में आने के बाद वह किसानों को ही भूल जाती है। छत्तीसगढ़ के अपने पांच दिवसीय दौरे में वे यहां के किसानों की समस्याओं को समझना चाहते हैं। इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन, यूनियन के छत्तीसगढ़ प्रभारी प्रवीर श्योकंद और स्थानीय किसान नेता शामिल थे।